Edited By Manisha rana, Updated: 30 Jan, 2025 03:00 PM
विज ने कहा कि डलेवाल की तरह मुझे आमरण अनशन भी रखना पड़ा तो मैं वह भी रखूंगा।
चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज जिनके नाम मात्र से लापरवाह- कामचोर और भ्रष्टाचारी कर्मचारी थरथर कांपते थे, जिनके किसी जिले में एंट्री मात्र से अधिकारियों में ख़ौफ़ पैदा हो जाता था कि कहीं मेरे विभाग का अचानक औचक निरीक्षण ना कर बैठे, जो अनिल विज आमजनमानस तथा पीड़ित वर्ग के लिए एक मसीहा और एक आखिरी उम्मीद माने जाते थे वह अनिल विज आज मीडिया से बातचीत के दौरान काफी बेबस एवं बेहद दुखी नजर आए। उनके शब्द उनके अंदर के दर्द को ब्यां कर रहे थे, उनके चेहरे पर अपनी जनता की दुख तकलीफों को दूर न कर पाने की पीड़ा थी, उनका एक-एक शब्द यह बता रहा था कि वह बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन नहीं कर पा रहे। आखिर ऐसा क्या बोल गए अनिल विज।
मुझे आमरण अनशन भी रखना पड़ा तो मैं वह भी रखूंगा- अनिल विज
अनिल विज ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि मैं अंबाला छावनी के लिए सोमवार को जनता दरबार लगाता था, मैंने बंद कर दिया है। मैं ग्रीवेंस कमेटी में भी शायद नहीं जाया करूंगा, क्योंकि हमारे आदेशों की पालना नहीं होती। अधिकारी हमारे काम नहीं कर रहे। बाकि हरियाणा का तो मैंने कुछ नहीं लेना। लेकिन अंबाला छावनी की जनता ने मुझे सात बार विधायक बनाया है। उनके कामों के लिए अगर मुझे आंदोलन भी करना पड़े तो मैं आंदोलन भी करूंगा। अगर डलेवाल की तरह मुझे आमरण अनशन भी रखना पड़ा तो मैं वह भी रखूंगा।
अनिल विज पूरे प्रदेश के कोने-कोने में एक बड़ी संख्या उनके चाहने वाले लोगों की है। अपनी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में अनिल विज शामिल हुए थे। बेहद आक्रामक भाषाशैली, कड़े तेवरों व युवाओं में एक बड़ी पकड़ बनाने के दम पर 1970 में उन्हें एबीवीपी का महासचिव बनाया गया। विश्व हिंदू परिषद, भारत विकास परिषद जैसे कई संगठनों में उनकी भूमि का बेहद सक्रिय रही है। संघ की विचारधारा से बेहद प्रभावित रहने वाले विज ने संगठन में बहुत से युवाओं को जोड़ने का काम किया था। 1974 में भारतीय स्टेट बैंक में नौकरी लग जाने के बावजूद वह संघ तथा पार्टी के हर कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लेते थे।
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