राज्यसभा के बाद अब निकाय चुनाव में 'गर्माई' प्रदेश की सियासत, सभी दलों के नेताओं ने लगा रखी है पूरी ताकत

Edited By Vivek Rai, Updated: 16 Jun, 2022 10:31 PM

all parties are ready to elections

प्रदेश में हो रहे निकाय चुनावों को लेकर अब जहां उल्टी गिनती का दौर शुरू हो गया है और इन चुनावों में अब मात्र कुछ ही घंटों का समय शेष रह गया है तो वहीं सभी दलों के नेताओं की सरगर्मी से चुनावी पारा भी ऊपर चढ़ गया है।

चंडीगढ़(संजय अरोड़ा): प्रदेश में हो रहे निकाय चुनावों को लेकर अब जहां उल्टी गिनती का दौर शुरू हो गया है और इन चुनावों में अब मात्र कुछ ही घंटों का समय शेष रह गया है तो वहीं सभी दलों के नेताओं की सरगर्मी से चुनावी पारा भी ऊपर चढ़ गया है। सभी पार्टियों के दिग्गजों ने अब अपने अपने उम्मीदवारों के लिए चुनावी दंगल में उतरते हुए जहां पूरी ताकत झोंक दी है तो वहीं इन नेताओं की हो रही सभाओं ने भी चुनावी माहौल की रंगत को बढ़ा दिया है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने भी इस चुनाव पर अपनी निगाहें जमा ली है और वे हर छोटी-बड़ी घटना का आंकलन करते हुए संभावित परिणामों के कयास लगाने में जुटे हुए हैं। चूंकि शहर की छोटी सरकारों के हो रहे ये चुनाव भविष्य की 'जमीन भी तैयार करने में अहम भूमिका अदा करेंगे।

बहरहाल, चुनावी छटा पूरी तरीके से बिखरी हुई है और जीत को लेकर सभी नेता अपने अपने स्तर पर पूरे दमखम के साथ प्रचार में लग हुए हैं। चूंकि इस प्रचार से पहले राज्यसभा के चुनावों को लेकर माहौल पूरा सरगर्म था और प्रदेश के तमाम बड़े नेताओं के साथ साथ विधायक व मंत्री इस चुनाव में लगे हुए थे लेकिन 10 जून को नतीजे आने के बाद अब इन नेताओं ने छोटी सरकार बनाने के लिए प्रचार को तेज कर दिया है। निकाय चुनाव को लेकर 19 जून को मतदान होगा और 22 जून को इस चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में निकाय चुनाव के तहत कुल 46 जगहों पर मतदान होगा। इनमें 28 नगर पालिकाएं व 18 नगर परिषदें शामिल हैं। अहम बात ये है कि पालिकाध्यक्ष व नगर परिषद के अध्यक्ष का पहली बार सीधा चुनाव हो रहा है और इसी कारण प्रदेश के सभी चुनावी क्षेत्रों में मामला बड़ा दिलचस्प बना हुआ है और प्रदेश के लोगों की भी इस चुनाव को लेकर खासी दिलचस्पी बनी हुई है। बाकी देखना ये काफी रोचक होगा कि लोग किन मुद्दों को मद्देनजर रखते हुए किसे विजय का हार पहनाते हैं?

ऐसे बन रहा चुनावी माहौल

गौरतलब है कि निकाय चुनावों के दौरान ही प्रदेश में राज्यसभा की दो सीटों को लेकर चुनावी बिगुल बज चुका था। राज्यसभा की इन दोनों सीटों पर कांग्रेस व भाजपा-जजपा ने अपनी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए एडी चोटी का जोर लगाया हुआ था। 10 जून को इन दोनों सीटों को लेकर मतदान हुआ जिसमें भाजपा से एक सीट पर कृष्ण पंवार ने जीत दर्ज की तो दूसरी सीट कांग्रेस के हाथों से बहुमत होने के बावजूद निकल गई और इस सीट पर कांग्रेस के अजय माकन को पराजित कर भाजपा-जजपा व निर्दलीय विधायकों द्वारा कार्तिकेय शर्मा ने मैदान मार लिया। हालांकि यह मुकाबला बड़ा दिलचस्प रहा मगर भाजपा की मजबूत रणनीति और कांग्रेस के कुलदीप बिश्नोई के वोट ने नतीजे को ही बदल डाला जिसके चलते अजय माकन चूक गए। चुनावी परिणामों को लेकर भाजपा नेता निरंतर दो दिनों तक उत्साह में रहे और उसी उत्साह को लेकर पार्टी के सभी नेताओं ने अब निकाय चुनावों में कमान संभाल ली है। इसके अलावा कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों के नेताओं ने भी प्रचार में पूरी ताकत के साथ कूद कर चुनावी माहौल को गर्मा दिया है। प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के दिग्गजों द्वारा अपने अपने उम्मीदवारों के पक्ष में वोटों की अपील की जा रही है और सभाओं के माध्यम से सत्ता पक्ष जहां अपनी नीतियों का बखान कर रहा है तो वहीं विपक्षी दल विभिन्न मुद्दों को लेकर जनता के बीच में हैं।

राज्यसभा के नतीजों का भी दिख रहा असर

अहम बात ये भी है कि बेशक ये शहरों की छोटी सरकारों के चुनाव हैं मगर भाजपा-जजपा राज्यसभा में हासिल हुई दोनों सीटों के परिणामों से उत्साहित हैं और इस जीत का असर उनके प्रचार में भी दिखाई दे रहा है। सत्तारुढ़ दल अपने अब तक के शासनकाल में किए गए विकास कार्यांे के साथ साथ इस जीत को भी भुनाते हुए अपने व समॢथत उम्मीदवारों के लिए एक अलग माहौल बनाते हुए नजर आ रहे हैं क्योंकि भाजपा-जजपा कार्यकत्ता भी राज्यसभा की जीत को लेकर खुशी से लबरेज हैं।

उधर, कांग्रेस को राज्यसभा चुनाव में मिली हार के कारण कई सीटों पर चुनौती मिलती दिखाई दे रही है तो वहीं वे राज्यसभा चुनावों के परिणामों से लोगों का ध्यान हटाते हुए उन्हें उनकी छोटी सरकार पर केंद्रीत करने का प्रयास कर रहे हैं। इनके अलावा हरियाणा में पहली बार निकाय चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने भले ही पूरा जोर लगाया हुआ है मगर स्टार प्रचारकों का खासा अभाव पार्टी में नजर रहा है क्योंकि अब तक इस पार्टी की ओर से प्रदेश प्रभारी डा. सुशील गुप्ता व डा. अशोक तंवर ही बड़े चेहरे के रूप में प्रदेश भर में प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि आम आदमी पार्टी के पास फिलहाल राज्य में स्टार प्रचारकों का अभाव है। अब निकाय चुनाव में परिणाम क्या आते हैं? यह तो 22 जून को पता लगेगा मगर फिलहाल सभी दल एक दूसरे को हराने के लिए एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं।

 

 

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