इनैलो के बाद अब कांग्रेस में शुरू हुआ बिखराव का दौर

Edited By Isha, Updated: 31 Aug, 2019 11:55 AM

after inla now the phase of scattering started in congress

भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते ग्राफ और कांग्रेस में लगातार जारी गुटबाजी के चलते इनैलो के बाद अब कांग्रेस में भी बिखराव का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस की हरियाणा इकाई में पिछले काफी समय से नेतृत्व

डेस्कः  भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते ग्राफ और कांग्रेस में लगातार जारी गुटबाजी के चलते इनैलो के बाद अब कांग्रेस में भी बिखराव का दौर शुरू हो गया है। कांग्रेस की हरियाणा इकाई में पिछले काफी समय से नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही कशमकश के बीच पार्टी नेताओं में बढ़ रहे टकराव से अब नेताओं ने पार्टी को अलविदा कहना शुरू कर दिया है। वजह साफ है कि वर्चस्व की लड़ाई में कांग्रेस के छोटे से लेकर कई बड़े नेताओं को अपना सियासी भविष्य अंधकार में नजर आने लगा है इसी कारण इनैलो की तरह कांग्रेस में भी टूट का सिलसिला शुरू हो गया है।  फिरोजपुर झिरका के विधायक नसीम अहमद के बाद अब पूर्व मुख्य संसदीय सचिव शारदा राठौड़ के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।

राठौड़ ने कांग्रेस में भविष्य अंधकारमय बताते हुए कहा कि आज जनता की आस्था भाजपा में है। विश्वसनीय सूत्रों अनुसार यदि कांग्रेस हाईकमान ने शीघ्र ही गुटबाजी समाप्त करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो पार्टी में कई बड़े प्रभावशाली नेता अलविदा कह कर भाजपा में जा सकते हैं। इनमें से कई नेता भाजपा नेतृत्व के लगातार संपर्क में हैं। उन्हें केवल कांग्रेस हाईकमान के फैसले का इंतजार है।  

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव निकट हैं और ऐसे समय में भी पूरा विपक्ष बिखरा सा नजर आ रहा है। पिछले एक साल में विघटन के बाद इनैलो में 19 की बजाय अब 3 विधायक रह गए हैं और अब कांग्रेस भी इनैलो की राह पर है। इसमें बिखराव का सिलसिला जारी है। गुटबाजी इस कद्र हावी है कि नेता एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस की लड़ाई अब सीधे तौर पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा बनाम अशोक तंवर होकर रह गई है।  शारदा राठौड़ प्रदेश की सियासत में बड़ा नाम हैं। वह एक कद्दावर महिला नेत्री के रूप में पहचान रखती हैं।  वह फरीदाबाद संसदीय क्षेत्र के बल्लभगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर 2 बार विधायक चुनी गई थीं। 2005 से 2009 तक वह हुड्डा सरकार में मुख्य संसदीय सचिव भी रहीं। इसके अलावा वह अखिल भारतीय कांग्रेस की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव सहित कई अहम पदों पर रहीं। उनके भाजपा में जाने से निश्चित रूप से कां"्रेस को बड़ा झटका लगा है। शारदा राठौड़ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विश्वासपात्र मानी जाती थीं और हुड्डा ने अपनी रोहतक महारैली के बाद सियासी फैसले को लेकर गठित कमेटी में भी बतौर सदस्य शारदा राठौड़ को शामिल किया था। ऐसे में शारदा का कांग्रेस छोडऩा हुड्डा के लिए भी बड़ा झटका है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!