Edited By Isha, Updated: 31 Dec, 2024 02:29 PM
आज सिरसा के चौटाला गांव में हरियाणा के 5 बार CM रहे ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा हो रही है। ओपी चौटाला की तेरहवीं की रस्म में घर की बड़ी बहू नैना चौटाला ने गाय पूजन की रस्म निभाई।
हरियाणा डेस्कः आज सिरसा के चौटाला गांव में हरियाणा के 5 बार CM रहे ओपी चौटाला की रस्म पगड़ी और श्रद्धांजलि सभा हो रही है। यहां चौटाला गांव स्थित चौधरी साहिबराम स्टेडियम में वाटर प्रूफ पंडाल लगाया गया है। ओपी चौटाला की तेरहवीं की रस्म में घर की बड़ी बहू नैना चौटाला ने गाय पूजन की रस्म निभाई। सभा में 10 हजार लोगों के खाने का इंतजाम है। उनके लिए 5 तरह की रोटियां बनाई जा रही हैं।
सीएम नायब सैनी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, हरियाणा के गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पहुंच गए हैं। प्रशासन ने सिरसा में धारा 163 लगाई है। चौटाला गांव के आसपास 5 किलोमीटर के एरिया में ड्रोन, ग्लाइडर उड़ाने पर रोक लगाई गई है। इसके अलावा पंजाब के पूर्व डिप्टी CM सुखबीर बादल और पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल पहुंचे हैं।
ओपी चौटाला की तेरहवीं की रस्म में चौटाला परिवार
हरियाणा के लौह-पुरुष और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की रश्म पगड़ी में विशाल वाटरप्रूफ टेंट के साथ धार्मिक और श्रद्धांजलि कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग मंच बनाए गए हैं। श्रद्धांजलि सभा में आने वालों के लिए भोजन और जलेबी का विशेष प्रबंध किया गया है। पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल सहित हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली से भी कई नेता इस मौके पर उपस्थित रहेंगे। कड़ाके की सर्दी के बावजूद श्रद्धांजलि सभा के लिए चौटाला गांव में तैयारियां जोरों पर हैं। चौटाला परिवार के साथ-साथ प्रशासन ने भी आयोजन को भव्य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।
यह सभा चौधरी ओमप्रकाश चौटाला के योगदान को याद करने और उनके विचारों को जनमानस तक पहुंचाने का अवसर होगी। यह श्रद्धांजलि सभा न केवल चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की स्मृति में आयोजित की जा रही है, बल्कि हरियाणा की राजनीति में उनके योगदान को एक आदरांजलि भी है।
कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हरियाणा पुलिस की 12 कंपनियां, 15 डीएसपी और 9 ड्यूटी मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है। थाना सदर डबवाली प्रभारी ब्रह्म प्रकाश ने बताया कि वीआईपी वाहनों के लिए दो विशेष पार्किंग और अन्य वाहनों के लिए पांच अलग पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। सभा स्थल के आसपास ड्रोन और फ्लाइंग कैमरों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। एसपी सिद्धांत जैन ने चौधरी साहिब राम स्टेडियम और आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री की उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता की गई है।
ओपी चौटाला की तेरहवीं की रस्म में पहुंचे सीएम सैनी के साथ अन्य नेता
हरियाणा के लिए चौटाला का जीवन समर्पित रहाः सीएम सैनी
ओपी चौटाला की शोक सभा में सीएम नायब सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री को याद किया। उन्होंने कहा कि चौटाला साहब ने हरियाणा को विकास की नई दिशा देने का काम किया था। चौटाला साहब अपना गौरवशाली जीवन जी कर गए, हमें उनसे बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। आगे उन्होंने कहा कि हरियाणा के लिए उनका जीवन समर्पित रहा है। भगवान चौटाला साहब की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
बहुत जिंदादिल इंसान थे ओपी चौटालाः जेपी नड्डा
ओपी चौटाला की शोक सभा में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि चौटाला साहब के जाने की खबर हमारे लिए बहुत दुखदायी है। चौटाला का जाना परिवार के लिए दुख का विषय नहीं, पूरे हरियाणा और देश के लिए है। इनका निधन एक तरीके से राजनीतिक क्षेत्र में एक युग का अंत है।
उन्होंने कहा कि मुझे उनके साथ राजनीतिक तौर पर काम करने का अवसर मिला। बहुत जिंदादिल इंसान थे, हरियाणा के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। बेबाक और लोगों की आवाज उठाना उनकी रगों में बसा हुआ था। नड्डा ने कहा कि समाज के हर वर्ग के की आवाज बनकर चौटाला साहब रहे। हरियाणा के विकास में बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अपना पूरा योगदान दिया। विकास की राजनीति में उनकी भरपूर रूचि रही है। हरियाणा को विकसित राज्य के रूप में आगे बढ़ाने में भूमिका निभाई है।
ओपी चौटाला ने मुझे बचपन से उंगली पकड़कर चलना सिखायाः अभय चौटाला
ओपी चौटाला की शोक सभा में इंडियन नेशनल लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिंह चौटाला ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यहां देश-विदेश से चौटाला साहब को श्रद्धांजलि देने के लिए लोग आए हैं। दुनिया का सबसे बड़ा दुख तब होता है, जब सिर से पिता का हाथ उठ जाता है। अभय चौटाला ने कहा कि वो ताकतवर हाथ था, जिसने मुझे बचपन से उंगली पकड़कर चलना सिखाया, सीना तानकर चलना सिखाया, जितना दुख मुझे हो रहा है उसे मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकता। उनके जाने से जो परिवार और राजनीतिक शून्य पैदा हुआ है उसे मैं बयान नहीं कर सकता।
अभय चौटाला ने कहा कि आज 21 साल बाद मेरा कान खींचने वाले चला गया। उन्होंने कहा कि आम आदमी के हितों के प्रति उनकी चिंता पार्टी के प्रति उनका प्रण किसी से छुपा नहीं है। अपने आखिरी समय तक वो लोगों की चिंता करते रहे। जरा सा स्वास्थ्य में सुधार होता था तो चौटाला साहब या कार्यकर्ता के सुख-दुख में शामिल होते थे। वह अपनी कामयाबी का श्रेय अपने कार्यकर्ताओं को देता था।
आगे अभय चौटाला ने कहा कि अपने उसूलों से पिता और दादा ने समझौता नहीं किया। अपनी जिंदगी के आखिरी दशक में भी हजारों कार्यकर्ताओं के परिवारों को नौकरी देने का काम किया। 10 साल कार्यकर्ताओं के मान सम्मान के लिए जेल काटी और जब भी जेल से छुट्टी पर आते गांव देहात में कार्यकर्ताओं से मिलते। कार्यकर्ताओं की हमेशा हौंसला अफजाही की। उन्होंने कहा कि मैंने एक बेटे का फर्ज का निभाया, एक भाई का फर्ज निभाया, एक पिता का फर्ज निभाया। मैं वादा करता हूं जो पिता को वचन दिया था उसे ताउम्र निभाऊंगा। मैं लाखों कार्यकर्ताओं से इतना ही कहूंगा। सुख-दुख हमारे जीवन का हिसा है। हम चौटाला साहब को वापस तो नहीं ला सकता, लेकिन उनके सपनों को साकार करेंगे।