अनिल विज की बदौलत एप्लास्टिक एनीमिया बीमारी से ग्रस्त 16 वर्षीय बालक को मिला नया जीवन, ईलाज के लिए 15 लाख रूपये किए जारी

Edited By Mohammad Kumail, Updated: 18 May, 2023 09:51 PM

a 16 year old boy suffering from aplastic anemia got a new life

हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज की बदौलत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अम्बाला छावनी के बोह गांव निवासी बालक को नया जीवन मिल सका है...

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री अनिल विज की बदौलत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत अम्बाला छावनी के बोह गांव निवासी बालक को नया जीवन मिल सका है। बालक एप्लास्टिक एनीमिया (खून नहीं बनना) बीमारी से ग्रस्त है और ईलाज हेतु स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रयासों से इस बालक के इलाज हेतु 15 लाख रुपए जारी किए गए हैं। इस बालक का पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में उपचार चल रहा है।

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने आज बालक को पांच लाख रुपए की दूसरी किश्त का चेक सौंपा और बालक के बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। इससे पहले बालक के ईलाज के लिए सितंबर 2021 में दस लाख रुपए की राशि दी जा चुकी है। बालक एवं उसके परिवार के सदस्यों ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज का आभार जताया। इस अवसर पर सिविल सर्जन अम्बाला डा. कुलदीप सिंह सहित डा. हितेश एवं अन्य मौजूद रहे। 

गौरतलब है स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के प्रयासों से ही एप्लास्टिक एनीमिया बीमारी को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया गया था और अब इस बीमारी से ग्रस्त मरीज को ईलाज हेतु आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकी है। 

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वित्तीय सहायता मिलने का हरियाणा में पहला मामला

अंबाला के सिविल सर्जन डा. कुलदीप सिंह ने बताया कि बालक के परिवार ने ईलाज में आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के समक्ष गुहार लगाई थी। तब यह बीमारी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल नहीं थी। अनिल विज के प्रयासों से इस बीमारी को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल किया गया और एप्लास्टिक एनीमिया का यह हरियाणा में पहला मामला है जिसके तहत बालक को कुल 15 लाख रुपए की आर्थिक मदद ईलाज हेतु दी जा सकी है। उन्होंने बताया कि एप्लास्टिक एनीमिया खून की कमी से जुड़ी बीमारी है जिसमें शरीर में रक्त कोशिकाओं का निर्माण कम होता है। 

इस बीमारी का ईलाज एवं दवाएं महंगी है, मगर स्वास्थ्य मंत्री की बदौलत इस बीमारी को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कर आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रावधान हो सका है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के तहत 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों में जन्मजात बीमारियों को कवर किया जाता है और ईलाज से पहले ही राशि प्रदान कर दी जाती है। कार्यक्रम के तहत साल 2014 से अब तक अंबाला जिले में 416 बच्चों को 4.09 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद अब तक दी जा चुकी है।

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