Edited By Nitish Jamwal, Updated: 08 Jul, 2024 04:23 PM
हरियाणा के करनाल के तरावड़ी में निजी डबल डेकर बस का चालक प्रवासी मजदूरों को जानवरों की तरह भरकर ले जा रहा था। बस में शोर शराबा होने पर पुलिस पहुंची और जब यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया तो करीब 300 यात्री बस के अंदर से बाहर निकले।
करनाल: हरियाणा के करनाल के तरावड़ी में निजी डबल डेकर बस का चालक प्रवासी मजदूरों को जानवरों की तरह भरकर ले जा रहा था। बस में शोर शराबा होने पर पुलिस पहुंची और जब यात्रियों को बस से बाहर निकाला गया तो करीब 300 यात्री बस के अंदर से बाहर निकले।
कुछ लोगों की बिगड़ी तबीयत
रविवार रात डबल डेकर बस को अंबाला से बिहार जाना था। बस अंबाला से यात्रियों से भरी हुई निकली थी। जिस बस में आमतौर पर 70 से 80 यात्री होते हैं, उसमें करीब 300 यात्री ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे। जानकारी के अनुसार डबल डेकर बस में करीब 75 से 80 सीटें होती हैं, जिसमें 100 से 120 लोग बैठ सकते हैं। करीब एक घंटे बाद बस के अंदर ठूंस दिए गए यात्रियों की तबीयत खराब होने लगी। जिसके बाद यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया और बस को तरावड़ी के पास रुकवाया गया। पास में मौजूद एक व्यक्ति ने डायल 112 पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।
स्लीपर सीट की दिया झांसा
प्रवासी यात्री ने बताया कि उनसे 2 हजार रुपए लिए गए और कहा गया कि स्लीपर सीट मिलेगी, सोते हुए चले जाओ। जब हम बस के पास पहुंचे तो वहां सैकड़ों लोग थे। हमें वहां लाइन में खड़ा कर दिया गया और गाली-गलौज कर जबरन बस के अंदर ठूंस दिया गया। जिस बस में 70-80 यात्री बैठ सकते हैं, उसमें 300 यात्री भरे हुए थे। कुछ लोग रो रहे थे तो कुछ बेहोश हो गए थे।
प्रवासी यात्री ने बताया कि मुझे बिहार जाना था। हमें बताया गया था कि एक स्लीपर में चार लोग बैठेंगे, लेकिन वहां 13 लोग बैठे थे। हमें जबरन बैठाया गया और गाली-गलौज और मारपीट भी की गई। हम लाचार होकर चुपचाप बैठे रहे, ताकि हमें और नुकसान न हो।
रात दो बजे पुलिस को मिली सूचना
पुलिसकर्मी ने बताया कि हमें रात 2 बजे एक कॉल आई थी। जिसमें कुछ प्रवासी मजदूरों ने बताया कि बस चालक उन्हें काफी परेशान कर रहे हैं और बस में सवार लोग बीमार भी पड़ गए हैं। मौके पर पहुंचकर चालक को काबू किया और यात्रियों को बस से उतारा। बस के अंदर 250 से 300 यात्री सवार थे। बस को भी कब्जे में लेकर थाने भेज दिया गया है और प्रवासियों के लिए दूसरी बसें मंगवाई गई हैं। इन प्रवासियों को यहां से ले जाने में करीब 3 बसें लगी। उन्होंने बताया कि जब हमने यात्रियों को बस से बाहर निकाला तो उसके अंदर यात्री बेहोशी की हालत में मिले। उन्हें पीने के लिए पानी दिया गया। गनीमत रही कि कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। बस में छोटे बच्चे और महिलाएं भी थे।
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