Edited By Deepak Kumar, Updated: 21 Aug, 2025 08:29 PM

हरियाणा पुलिस ने आईटी पार्क, पंचकूला में संचालित तीन फर्जी कॉल सेंटरों का भंडाफोड़ किया और 85 आरोपियों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
पंचकूला (उमंग) : हरियाणा पुलिस ने साइबर अपराधियों पर निर्णायक प्रहार करते हुए बीती रात एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। डीजीपी हरियाणा के निर्देश पर पंचकूला पुलिस और साइबर हरियाणा की टीम ने आईटी पार्क, पंचकूला में संचालित तीन फर्जी कॉल सेंटरों पर दबिश दी और 85 आरोपियों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार किए गए लोगों में इन कॉल सेंटरों के मालिक और कर्मचारी दोनों शामिल हैं। ये कॉल सेंटर संगठित तरीके से देश-विदेश ख़ास तौर पर अमेरिका और यूरोप के नागरिकों को शातिराना तरीके से ठगने का काम कर रहे थे। यह कार्रवाई हरियाणा पुलिस की साइबर अपराध के खिलाफ कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही हरियाणा पुलिस : डीजीपी
हरियाणा पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने इस सफल अभियान के लिए संबंधित टीम को बधाई दी, यह कार्रवाई हरियाणा पुलिस की साइबर अपराध से लड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, इस प्रकार की कार्रवाई से जनता में विश्वास और सुरक्षा की भावना मजबूत होती है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि हरियाणा पुलिस साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है और आने वाले समय में भी ऐसे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए विशेष अभियान चलाती रहेगी। डीजीपी हरियाणा ने विशेष रूप से पुलिस कमिश्नर, पंचकूला-cum-आईजीपी साइबर हरियाणा शिवास कविराज तथा पंचकूला पुलिस और साइबर हरियाणा की टीमों को इस सफल अभियान के लिए बधाई दी, यह कार्रवाई हरियाणा पुलिस की समन्वित कार्यशैली का बेहतरीन उदाहरण है।
इस संयुक्त अभियान में डीसीपी क्राइम एंड ट्रैफिक मनप्रीत सूदन के नेतृत्व में गठित तीन टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें साइबर थाना प्रभारी, थाना चंडीमंदिर प्रभारी, क्राइम ब्रांच सेक्टर-26 तथा साइबर हरियाणा एवं डिटेक्टिव स्टाफ के अधिकारी शामिल थे। टीमों की आपसी समन्वय और त्वरित कार्रवाई से न केवल तीनों कॉल सेंटरों पर एक साथ छापेमारी संभव हो पाई, बल्कि 85 व्यक्तियों को मौके पर ही हिरासत में लिया गया। प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि इनमें से करीब 10 व्यक्ति मुख्य आरोपी हैं, जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है। पुलिस अब इनसे जुड़े अन्य नेटवर्क की गहन जांच में जुटी है।
ठगी का तरीका
जांच से सामने आया है कि कॉल सेंटरों में कार्यरत अंग्रेज़ी बोलने में दक्ष कर्मचारी खुद को विभिन्न सेवा प्रदाताओं और हेल्पडेस्क स्टाफ के रूप में प्रस्तुत करते थे। वे लोगों को मुफ्त सुविधाओं और योजनाओं का प्रलोभन देते थे। इनमें तथाकथित “ओबामा वेलफेयर इनिशिएटिव” जैसी फर्जी स्कीमें भी शामिल थीं, जिन्हें भारत की बीपीएल योजना से जोड़कर पीड़ितों का विश्वास जीता जाता था। एक बार विश्वास हासिल हो जाने के बाद, पीड़ितों से उनका व्यक्तिगत और बैंकिंग डाटा लिया जाता था, जिसे बाद में संगठित अपराधियों को बेच दिया जाता था। इसके अलावा, कॉल सेंटर कर्मचारियों द्वारा पीड़ितों को ऑनलाइन कूपन खरीदने के लिए मजबूर किया जाता था, जिन्हें आगे चलकर बिटकॉइन में परिवर्तित कर हवाला नेटवर्क के माध्यम से धन प्राप्त किया जाता था।
बरामदगी
कार्रवाई के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में डिजिटल उपकरण और नकदी बरामद की। Certys IT Services से 85 लैपटॉप, 62 मोबाइल फोन और 8 लाख 40 हजार रुपये नकद, iSpace Technologies Pvt. Ltd. से 62 लैपटॉप, 60 मोबाइल फोन और 73 हजार 176 रुपये नकद तथा तीसरे कॉल सेंटर से 18 मोबाइल फोन, 21 सीपीयू, एक लैपटॉप और 3 लाख 20 हजार रुपये नकद जब्त किए गए। इस मामले में पंचकूला पुलिस द्वारा तीन अलग-अलग प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई हैं और आरोपियों से पूछताछ जारी है। पुलिस का मानना है कि इस कार्रवाई से साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसकी जड़ें भारत से बाहर तक फैली हो सकती है।
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