Edited By Yakeen Kumar, Updated: 03 Oct, 2025 09:10 PM

हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए अब तक 22 किसानों के रिकॉर्ड में रेड एंट्री कर दी है।
चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए अब तक 22 किसानों के रिकॉर्ड में रेड एंट्री कर दी है। इसका सीधा असर इन किसानों पर पड़ेगा, क्योंकि वे आगामी 2 सीजन तक अनाज मंडियों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल की बिक्री नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा जुर्माना और FIR की कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही उन अधिकारियों से भी जवाब तलब होगा, जिनकी लापरवाही से पराली जलाने की घटनाएं हुईं।
जिन किसानों पर कार्रवाई की गई है उनमें चरखी दादरी के 15, जींद के 4, करनाल के 2 और फतेहाबाद का 1 किसान शामिल है। पराली जलाने की घटनाओं पर नियंत्रण पाने के लिए धान बहुल जिलों में पराली प्रोटेक्शन फोर्स का गठन किया गया है। इसमें पुलिसकर्मियों के साथ कृषि और प्रशासनिक अधिकारी भी तैनात रहेंगे, जो खेतों की निगरानी कर किसानों को पराली जलाने से रोकेंगे।
सेटेलाइट से रखी जा रही है नजर
सरकार ने स्पष्ट किया है कि रात के अंधेरे में आग लगाने वाले किसान भी बच नहीं पाएंगे। सेटेलाइट तकनीक के जरिए खेतों में पड़ी राख से भी घटनाओं की पहचान की जा रही है। फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत ग्राम स्तरीय नोडल अधिकारी, खंड और उपमंडल स्तरीय टीमों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हरसेक प्रणाली से मिले डेटा और लोकेशन के आधार पर सतत निगरानी रखें।
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