हरियाणा में इन कैदियों को मिलेगी 1 लाख रुपए तक सहायता, गाइडलाइन जारी

Edited By Manisha rana, Updated: 21 Dec, 2025 11:32 AM

prisoners who cannot afford bail or fines receive assistance of up to 1 lakh

गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने राज्य में गरीब कैदियों को सहायता' योजना के लिए संशोधित गाइडलाइंस और स्टैंडर्ड आप्रेटिंग प्रोसीजर जारी किए हैं।

चंडीगढ़ : गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डा. सुमिता मिश्रा ने राज्य में गरीब कैदियों को सहायता' योजना के लिए संशोधित गाइडलाइंस और स्टैंडर्ड आप्रेटिंग प्रोसीजर जारी किए हैं। इन विस्तृत गाइडलाइंस का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर कैदियों को वित्तीय सहायता देना है जिनकी आजादी सिर्फ कोर्ट द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान न कर पाने या जमानत न मिल पाने की वजह से रुकी हुई है।

डा. मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि संशोधित फ्रेमवर्क में जरूरतमंद कैदियों को तेजी से और प्रभावी राहत देने के लिए सख्त टाइमलाइन और मजबूत संस्थागत व्यवस्था शुरू की गई है। यह पहल न सिर्फ गरीब कैदियों की हालत को सुधारती है बल्कि इसमें राज्य की जेलों में भीड़ कम करने की भी काफी संभावना है। संशोधित गाइडलाइन तहत हरियाणा के हर जिले में जिला स्तरीय अधिकार प्राप्त समितियां बनाई इसके जाएंगी। अलावा, हरियाणा में निगरानी करने और प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए एक राज्य-स्तरीय निगरानी समिति भी बनाई जाएगी।

डॉ. मिश्रा ने बताया कि ऐसे अंडरट्रायल कैदियों को जो आर्थिक दिक्कतों के कारण बेल नहीं ले पाते हैं उन्हें प्रति केस 50,000 रुपए तक की सहायता दी जाएगी और सशक्त कमेटी को खास परिस्थितियों में 1 लाख रुपए तक की रकम मंजूर करने का अधिकार होगा। जिन मामलों में 1 लाख रुपए से ज्यादा मदद की जरूरत होगी उन्हें विचार और मंजूरी के लिए राज्य स्तरीय ओवरसाइट कमेटी के पास भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन दोषी कैदियों पर कोर्ट ने जुर्माना लगाया है जो उसे चुकाने में असमर्थ है उन्हें सशक्त कमेटी द्वारा 25,000 रुपए तक की सहायता दी जा सकती है, जबकि इससे ज्यादा रकम के लिए ओवरसाइट कमेटी की मंजूरी जरूरी होगी।

एन.सी.आर.बी. को बनाया सेंट्रल नोडल एजेंसी
नैशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एन.सी. आर. बी.) को इस स्कीम को पूरे देश में लागू करने के लिए सेंट्रल नोडल एजेंसी बनाया गया है। एम्पावर्ड या ओवरसाइट कमेटियों की सिफारिशों के आधार पर जरूरी रकम निकालने और लाभार्थी जिस जेल में बंद है उसके अकाऊंट में फंड जारी करने के लिए राज्य जेल मुख्यालय स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। डा. मिश्रा ने इस बात पर जोर दिया कि संशोधित गाइडलाइंस यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है कि कोई भी व्यक्ति सिर्फ गरीबी की वजह से हिरासत में न रहे। उन्होंने हरियाणा के सभी जिला प्रशासनों, कानूनी सेवा प्राधिकरणों, जेल अधिकारियों और न्यायिक अधिकारियों से इस स्कीम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए मिल कर काम करने का आग्रह किया। गृह विभाग को निर्देश दिया गया है कि वह पूरे राज्य में सभी संबंधित अधिकारियों को इन गाइडलाइंस को पहुंचाए ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि संस्थागत नियमों का पूरी तरह पालन हो और योग्य कैदियों को समय पर राहत मिले।

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