Edited By Isha, Updated: 10 Apr, 2025 03:14 PM

जिला कारागार से राकेश नामक एक कैदी के फरार हो जाने के मामले में जींद जिला कारागार के स्टाफ पर कार्रवाई की गाज गिरनी शुरू हो गई है। जिला कारागार के दो सुरक्षा कर्मचारियों को ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, इस मामले...
जींद (अमनदीप पिलानिया): जिला कारागार से राकेश नामक एक कैदी के फरार हो जाने के मामले में जींद जिला कारागार के स्टाफ पर कार्रवाई की गाज गिरनी शुरू हो गई है। जिला कारागार के दो सुरक्षा कर्मचारियों को ड्यूटी में कोताही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। साथ ही, इस मामले की नियमित जांच भी शुरू हो गई है।
गौरतलब है कि जींद जिला कारागार से मंगलवार की रात लगभग 2 बजे राकेश नामक एक कैदी फरार हो गया था। पंजाब के खनौरी के बनारसी गांव का रहने वाला राकेश, जींद सीआईए स्टाफ पुलिस पार्टी पर हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के मामले में जेल में बंद था।
मंगलवार रात को जेल की बिजली गुल हो गई थी, जिसे ठीक करने के बहाने वह सीढ़ी लगाकर जेल की दीवार से कूदकर भाग निकला था। 2 जून 2022 को दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर जींद के खटकड़ टोल प्लाजा के पास जींद सीआईए स्टाफ पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें सीआईए पुलिस ने दो बदमाशों को पकड़ा था, जिनमें बनारसी गांव का राकेश और सोनू शामिल थे।
इस मामले में अब जींद जिला कारागार के उन दो सुरक्षा कर्मचारियों, नरेंद्र और सुभाष, को निलंबित कर दिया गया है, जिनकी ड्यूटी मंगलवार रात को इस घटना के समय थी। इन दोनों सुरक्षा कर्मचारियों को जेल विभाग ने अपनी प्रारंभिक जांच में ड्यूटी में कोताही बरतने का दोषी पाया है और उन्हें निलंबित कर दिया गया है।
जिला कारागार से राकेश नामक कैदी के फरार हो जाने के मामले में जिला कारागार के दो कर्मचारियों का निलंबन कार्रवाई की शुरुआत मात्र है। इस मामले में नियमित जांच अब शुरू हुई है और यह माना जा रहा है कि अभी जिला कारागार के कुछ और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है
पहली बार हुआ अपनी तरह का ऐसा जेल ब्रेक
जींद जिला कारागार में किसी कैदी के जेल के सुरक्षा कर्मचारियों की मौजूदगी में और उन्हें भरोसे में लेकर इस तरह जेल ब्रेक कर भागने का यह पहला मामला है। यह गनीमत रही कि जेल की दीवार पर लगी सीढ़ी से राकेश के अलावा कोई और कैदी फरार नहीं हुआ, वरना जेल की दीवार से इस तरह सीढ़ी लगाए जाने से बड़ी संख्या में कैदी फरार हो सकते थे।