Edited By Isha, Updated: 13 Dec, 2025 12:36 PM

हरियाणा ने पूरे देश में नेट एसजीएसटी संग्रह में सर्वाधिक 21% वृद्धि दर्ज की है, जबकि राष्ट्रीय औसत 6% है। नवंबर 2025 में राज्य का नेट एसजीएसटी संग्रह 3,835 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष नवंबर के मुकाबले 17% अधिक
चंडीगढ़: हरियाणा ने पूरे देश में नेट एसजीएसटी संग्रह में सर्वाधिक 21% वृद्धि दर्ज की है, जबकि राष्ट्रीय औसत 6% है। नवंबर 2025 में राज्य का नेट एसजीएसटी संग्रह 3,835 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष नवंबर के मुकाबले 17% अधिक है। चालू वित्त वर्ष में नवंबर तक जीएसटी संग्रह 83,606 करोड़ रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 7% अधिक है, राष्ट्रीय औसत 5.8% से बेहतर है।
हरियाणा की रैंकिंग भी सुधारकर चौथे स्थान पर पहुंच गई है। राज्य में 6,03,389 जीएसटी पंजीकृत करदाता हैं, इनमें 2018 से 2025 के बीच 6.11% की वार्षिक वृद्धि दर्ज हुई है। हरियाणा में वैट छह वस्तुओं पेट्रोल, डीजल, शराब, पीएजी, सीएनजी एवं सीएसटी वस्तुओं पर लागू होता है। वर्ष 2025-26 में नवंबर तक वैट वसूली में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) स्कीम-2025 का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस योजना के कारण सीएसटी संग्रह में 60.99% की वृद्धि दर्ज हुई। योजना के 27 सितंबर 2025 को
समाप्त होने के बाद विभाग ने विशेष वसूली अभियान चलाया, इसके तहत अक्तूबर-नवंबर 2025 में 48.12 करोड़ रुपए की वसूली की गई। विभाग ने वैट मॉनिटरिंग डैशबोर्ड भी विकसित किया है, जो वास्तविक समय में वैट जमा की निगरानी करता है। देरी होने पर स्वतः संकेत देता है व फील्ड अधिकारियों को समय पर कार्रवाई करने में सहायता करता है। सीएम ने निर्देश दिए कि सभी जिले डैशबोर्ड का उपयोग करें, ताकि विभाग की कार्यप्रणाली में और दक्षता सुनिश्चित हो सके। वर्ष 2025-26 में 30 नवंबर 2025 तक आबकारी राजस्व 9,370.28 करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 8,629.46 करोड़ रुपए संग्रहित हुए थे। विभाग ने जिलावार और मदवार लाइसेंस शुल्क, आबकारी शुल्क, बॉटलिंग शुल्क, परमिट शुल्क, आयात शुल्क एवं देशी शराब पर वैट का विवरण प्रस्तुत किया गया। सीएम ने कम संग्रह वाले जिलों को निगरानी बढ़ाने, निरीक्षण तेज करने और समयबद्ध सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।