सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरें, डॉक्टर फरमाए आराम, सिक्योरिटी गार्ड लगाए 'टांके'

Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Sep, 2017 04:34 PM

government hospital security guard stitches

जिला का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल आए दिन किसी-न किसी मामले में छाया

सिरसा(सतनाम सिंह): जिला का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल आए दिन किसी-न किसी मामले में छाया रहता है। सिरसा के नागरिक अस्पताल में चिकित्सक व स्टाफ नर्सें तो आराम फरमा रहे थे और सिक्योरिटी में तैनात गार्ड दुर्घटना में घायल व्यक्ति को टांके लगा रहा है। उसी दौरान किसी व्यक्ति ने उक्त सिक्योरिटी गार्ड को टांके लगाने का वीडियो बना लिया और इंटरनेट पर वायरल कर दिया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उसके बाद एक जांच बैठा दी। जांच का जिम्मा चिकित्सा अधीक्षक डा. सुभाषिनी को दिया गया है। अहम बात यह है कि अस्पताल में तैनात कई डॉक्टर तो ऐसे हैं, जो स्वयं काम करके खुश ही नहीं हैं। वे या तो क्लास फोर से काम करवाते हैं या फिर किसी ऐसे कर्मचारी से जिसे उपचार के नाम का जिसे कुछ भी नहीं आता हो, उनसे उपचार करवाकर मरीजों की जान से सरेआम खिलवाड़ करते हैं। 
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यह था मामला
घटनाक्रम के अनुसार रानियां चुंगी निवासी बाइक सवार राकेश कुमार अपनी बाइक पर सवार होकर होकर अपनी रिश्तेदारी में गांव टिब्बी गया था। रास्ते में पोहडका के निकट किसी वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को उपचार के लिए नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। यहां आने के बाद ड्यूटी डॉक्टर विकास कुमार ने मरीज को चैक कर स्वयं उपचार करने के बजाय एमरजैंसी में ड्यूटी दे रहे सिक्योरिटी गार्ड को मरीज की चोट को देखकर टांका पट्टी करने को कहा। चिकित्सक के आदेश देते ही सिक्योरिटी गार्ड जुट गया मरीज की टांका पट्टी करने में। सिक्योरिटी गार्ड उपचार में इतना लीन हो गया की उसे ये भी आभास नहीं हुआ की उसका कोई वीडियो भी बना रहा है। 

मरीज के साथ आए व्यक्ति ने उपचार के दौरान का पूरा वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर रात्रि को ही वायरल कर दिया। सुबह तक हर व्यक्ति के मोबाइल में उक्त वीडियो पहुंच गई और हर किसी की जुबां पर सिक्योरिटी गार्ड के उपचार की ही चर्चा थी। हालांकि ये पहला अवसर नहीं है, जब इस प्रकार की घटना सामने आई हो लेकिन बावजूद इसके न तो सरकार और न ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ऐसे मामलों पर संज्ञान नहीं लेते। नतीजा या तो मरीज को अपनी जान गंवाकर भुगतना पड़ता है या फिर उसे महीनों बिस्तर पर बैठकर दिन काटने पड़ते हैं। 

सिरसा के सिविल सर्जन गोविंद गुप्ता ने कहा कि मीडिया के माध्यम से ही उन्हें इस घटना बारे जानकारी मिली है। मामला गंभीर है और वे पूरे मामले की जांच करेंगे और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


 

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