शहर की आबोहवा सांस लेने लायक नहीं, लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

Edited By kamal, Updated: 19 Jun, 2019 03:32 PM

the city s climate is not worth breathing constantly increasing pollution

लोग गांव छोड़कर शहर का रुख कर रहे हैं परंतु शहर की हवा सांस लेने लायक भी नहीं है। यहां की हवा 5 गुना ज्यादा...

यमुनानगर(सतीश): लोग गांव छोड़कर शहर का रुख कर रहे हैं परंतु शहर की हवा सांस लेने लायक भी नहीं है। यहां की हवा 5 गुना ज्यादा प्रदूषित है। हवा में मौजूद पी.एम. 2.5 का स्तर 360 तक पहुंच जाता है। जबकि सामान्यता यह 60 होना चाहिए। इसी तरह पी.एम. 10 का स्तर 100 की बजाय 450 तक पहुंच जाता है। इनकी मात्रा बढऩे से से लोग दमा व कैंसर के शिकार हो रहे हैं। इसका कारण कुछ ओर नहीं बल्कि पर्यावरण की खराब होती स्थिति है।

जलता कूड़ा क्यों नहीं आ रहा नजर
निगम क्षेत्र में सुबह शाम कूड़ा जलाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि सफाई कर्मचारी काम को जल्द निपटाने के लिए कूड़े में आग लगा देते हैं। जिस पर 25 हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। इसी तरह शहर वासियों का कहना है कि पराली जलाने के मामले में तो अधिकारी प्रैस विज्ञप्ति भी जारी करते हैं और कार्रवाई भी। निगम क्षेत्र में तो पराली से ज्यादा रबड़ के टायर फूंके जा रहे हैं जोकि प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है। 

सर्दी में खतरनाक स्तर पर पहुंच गया था पी.एम. 2.5 का स्तर 
शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाए गए वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण से जो आंकड़े सामने आए हैं उसके अनुसार जनवरी माह में 4, 5, 6, 11, 12, 16 व 17 तारीख को पी.एम. 2.5 का स्तर 304 से 360 तक रहा। इसी तरह 17 मई को भी 312 तक दर्ज किया गया। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसे खतरे के निशान से ऊपर मानता है। चार जनवरी से 3 जून तक 154 दिनों में केवल 2 दिन ही स्वच्छ हवा लेने को मिली। 8 दिन हवा का स्तर खतरनाक, 21 दिन संतोषजनक, 44 दिन घटिया रहा। 79 दिन हवा अच्छी तो नहीं रही लेकिन स्तर मध्यम रहा। 17 जून को पी.एम. 10 का स्तर 153 रहा। 
 

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