आज से आधे से अधिक सीनियर डॉक्टर अवकाश पर, PGI में और लंबी होगी ऑप्रेशन की लिस्ट

Edited By vinod kumar, Updated: 02 Dec, 2019 02:34 PM

more than half of senior doctors on leave from today

बदलता मौसम बीमारियां लेकर आता है। ऐसे में अगर बीमार होते हैं तो पी.जी.आई. का रुख करने वाले जरा संभल जाएं। यहां पर आपका इलाज करने वाले आधे से अधिक सीनियर डाक्टर अवकाश पर चले गए हैं। बेहतर होगा कि स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखकर ही आप स्वस्थ रहने का...

रोहतक(मैनपाल): बदलता मौसम बीमारियां लेकर आता है। ऐसे में अगर बीमार होते हैं तो पी.जी.आई. का रुख करने वाले जरा संभल जाएं। यहां पर आपका इलाज करने वाले आधे से अधिक सीनियर डाक्टर अवकाश पर चले गए हैं। बेहतर होगा कि स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखकर ही आप स्वस्थ रहने का प्रयास करें। दरअसल, पी.जी.आई. के आधे डाक्टर सोमवार से 15 दिन के लिए सॢदयों की अवकाश पर चले गए हैं। डाक्टरों की छुट्टी के साथ ही मरीजों की परेशानी भी शुरू होगी।

रविवार को आपातकाल में चिकित्सकों की कमी साफ देखी गई। जहां पर 3 से 4 डाक्टर मरीजों के इलाज के लिए बैठे होते थे वहां महज एक डाक्टर ही बैठा नजर आया। एक साथ आधे से अधिक डाक्टरों के अवकाश पर चले जाने से लाजिमी इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ेगा। दूसरी ओर, मौजूदा डाक्टरों पर वर्क लोड बढ़ेगा जिसका असर उनके व्यवहार पर हो सकता है। हालांकि रविवार को अवकाश के चलते इतनी परेशानी नहीं हुई, असली परेशानी सोमवार यानी आज से शुरू होगी। अधिकतर विभाग में मुश्किल से एक सीनियर डाक्टर होगा बाकी जिम्मेदारी अब रैजीडैंट डाक्टरों के कंधों पर होगी। नतीजा, सबसे अधिक प्रदेश भर से आने वाले मरीजों को ही उठानी पड़ेगी। 

बता दें कि प्रदेश के एक मात्र पी.जी. स्वास्थ्य संस्थान में प्रतिदिन 7 हजार मरीज ओ.पी.डी. में आते हैं। इसके अलावा औसतन प्रतिदिन 1600 से 1800 मरीज आपातकाल विभाग में इलाज के लिए पहुंचते हैं। पी.जी.आई. की ओर से अतिरिक्त डाक्टरों की व्यवस्था नहीं होने से मरीज काफी परेशान हुए। मरीजों को यह परेशानी एक महीने तक भोगनी होगी। कारण, आधे डाक्टर 15 दिन की छुट्टी पर गए हैं और बाकी आधे डाक्टर 15 दिन बाद छुट्टी पर जाएंगे।

कर्मचारियों को हाथ-पैर जोडऩे पड़ते, डाक्टर आराम से छुट्टी जाते 
ऑफ द रिकार्ड बात करें तो कर्मचारियों ने दबे सुर में कहा कि डाक्टर आराम से छुट्टियों पर चले जाते हैं, वो भी एक-एक महीना लगातार लेकिन कर्मचारियों को छुट्टी जाना पड़ जाए तो उन्हें अधिकारियों के हाथ-पैर जोडऩे पड़ते हैं। पी.जी.आई. के एक व्हाट्सएप ग्रुप में कर्मचारी का दर्द छलका तो उसने डाक्टरों की छुट्टियां पर कामैंट कर दिया जो चर्चा का विषय बना रहा।

आर्थो विभाग में रोज होते हैं 10-12 आप्रेशन
एक साथ आधे से अधिक सीनियर डाक्टरों के अवकाश पर चले जाने का सबसे अधिक असर आर्थो व सर्जरी विभाग पर पड़ेगा। आर्थो विभाग में 8 सीनियर डाक्टर अवकाश पर हंै। सूत्रों के मुताबिक जहां पर आर्थो में प्रतिदिन 10 से 12 आप्रेशन होते थे वहां पर अब महज 6 से 7 ही हो पाएंगे। पी.जी.आई. के आर्थो विभाग में जहां सप्ताह से अधिक समय की पहली ही वेटिंग चल रहे थी, अब वह महीनों में तब्दील हो जाएगी।

साल में मिलती हैं 2 माह की छुट्टियां
असिस्टैंट प्रोफैसर से ऊपर के अधिकारियों को साल में 2 बार 1-1 महीने की छुट्टी मिलती है जिनमें एक माह कि गर्मियों मेंं व एक माह कि सॢदयों की छुट्टियां शामिल हैं। इसके अलावा राजकीय अवकाश, रविवार अवकाश व कांफ्रैंस में जाने के लिए अलग से छुट्टियां का प्रावधान तो है ही।

इन विभागों के डाक्टरों ने नहीं ली छुट्टी
जहां पर आधे से अधिक डाक्टर छुट्टियों पर जा रहे हैं, वहीं ऐसे भी डाक्टर हैं जिन्होंने अवक ाश के लिए अप्लाई नहीं किया है। इनमें गैस्ट्रोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा. प्रवीण मल्होत्रा, बायोकैमिस्ट्री के डा. सिम्मी खरब, कॉॢडयो सर्जरी डा. एस.एस. लोहचब, माइक्रोबायोलॉजी से डा. अंतरिक्ष दीप व कालेज ऑफ फार्मेसी से डा. गजेंद्र सिंह प्रमुख हैं।

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