Edited By Deepak Paul, Updated: 10 Jan, 2019 01:40 PM
ट्रेनों में चेन पुङ्क्षलग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन घटनाओं को अंजाम देने वाले युवाओं की पहचान करना रेलवे पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। कारण हैं कि ट्रेन में भीड़ होने के कारण युवा पकड़ में नहीं आते। जहां एक इन युवाओं को पकडऩा...
पानीपत(अनुज): ट्रेनों में चेन पुङ्क्षलग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इन घटनाओं को अंजाम देने वाले युवाओं की पहचान करना रेलवे पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। कारण हैं कि ट्रेन में भीड़ होने के कारण युवा पकड़ में नहीं आते। जहां एक इन युवाओं को पकडऩा पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है, वहीं रोजाना रेलवे को भी चपत लग रही है।
आपको हैरानी होगी कि एक बार चेन पुलिंग करने पर 25 लीटर डीजल बर्बाद होता है। चेन पुङ्क्षलग होने पर प्रैशर ड्रॉप हो जाता है। इस कारण ट्रेन रुक जाती है। उसके बाद दोबारा से प्रैशर बनाया जाता है। जिसमें सबसे ज्यादा डीजल बर्बाद होता है। बार-बार चेन पुलिंग होने के कारण ट्रेनें भी अपने निर्धारित समय से काफी लेट पहुंचती है। इसका जवाब रेलवे अधिकारियों को लिखित में देना होता है। वहीं, चेन पुलिंग करने वाले युवाओं को पकडऩे के लिए तैनात रहती है लेकिन युवा भीड़ का फायदा उठाकर दूसरे डिब्बे में चले जाते हैं।
यात्री एक्सप्रैस ट्रेन को बना देते हैं पैसेंजर : धुंध या किसी कारण से पैसेंजर ट्रेनें अगर अपने निर्धारित समय से लेट हो जाती है या रद्द हो जाती है तो सुपरफास्ट व एक्सप्रैस ट्रेनों में पैसेंजर में जाने वाले यात्री चढ़ जाते हैं और जब उनका स्टेशन नजदीक आता है तो चेन पुङ्क्षलग कर देते हैं। जिससे एक्सप्रैस ट्रेनों को यात्री पैसेंजर बना देते हैं।