इस गंभीर कारण के चलते नहीं मिली हनीप्रीत को बेल, कुछ दिन और काटनी होगी जेल

Edited By Shivam, Updated: 05 Sep, 2019 02:01 PM

honeypreet will not get bail due to this serious reason

पंचकूला हिंसा मामले में मुख्यारोपी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। हनीप्रीत पर देशद्रोह का आरोप है, जिन्हें अभी तय नहीं किया गया है। वहीं घटना के दो साल बीत जाने के बाद हनीप्रीत ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी...

पंचकूला(उमंग): पंचकूला हिंसा मामले में मुख्यारोपी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका तनेजा को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी है। हनीप्रीत पर देशद्रोह का आरोप है, जिन्हें अभी तय नहीं किया गया है। वहीं घटना के दो साल बीत जाने के बाद हनीप्रीत ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी कि वह करीब दो साल से जेल में बंद है, वह एक महिला है, इसलिए उसे जमानत दी जाए। लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है, जिसके चलते फिलहाल उसे जेल में ही रहना पड़ेगा।

हरियाणा सरकार के वकील रमेश अंबवता ने बताया कि 9 सितंबर को हनीप्रीत पर चार्जेस फ्रेम होने हैं। हनीप्रीत गवाहों को इनफ्लुएंस कर सकती है इसलिए कोई भी राहत ना दी जाए। कुल इस मामले में 49 आरोपी हैं, जिनमें से आदित्य इंसा को भी पीओ घोषित कर दिया है। इसके इलावा हनीप्रीत के वकील ने याचिका खारिज होते देख जमानत याचिका वापिस ले ली है। उन्होंने कहा कि 89 गवाह है, जिसमें गुरमीत राम रहीम के गनमैन विकास ने कहा था की हनीप्रीत ने डेरा समर्थको को पंचुकला में दंगा करवाने की एवज में सवा करोड़ रुपए दिए थे, जोकि दो व्यक्तियों से रिकवर भी किया गए हैं।



हनीप्रीत के वकील विनोद घई ने कोर्ट को बताया कि पंचकूला में हुए दंगों में कुल 48 आरोपी हैं, जिनमें से 40 आरोपियों को नियमित जमानत मिल चुकी है, 4 आरोपियों को अग्रिम जमानत हाईकोर्ट से मिल गई है तो ऐसे में हनीप्रीत को भी जमानत दी जाए। याचिका में कहा गया कि 25 अगस्त 2017 को जब पंचकूला सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार दिया था तो उसके बाद पंचकूला में हुए दंगों की साजिश रचे जाने का आरोप हनीप्रीत पर लगाया गया था, जबकि जिस समय दंगे हुए थे वह उस समय डेरा प्रमुख के साथ थी।

हनीप्रीत डेरा प्रमुख के साथ वह पंचकूला से सीधे रोहतक की सुनारिया जेल चली गई थी। उसे इन दंगों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बावजूद इसके उसे इन दंगों की साजिश का आरोपी बना दिया गया। ज्ञात रहे हनीप्रीत को पकडऩे के लिए हरियाणा पुलिस को काफी वक्त इंतजार करना पड़ा था। 38 दिन फरार रहने वाली हनीप्रीत को 3 अक्टूबर 2017 को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, तब से हनीप्रीत जेल में बंद है।



वकील विनोद घई ने कोर्ट को यह भी बताया है कि जब सुरेंद्र धीमान, पवन इंसां और अन्य जिन आरोपियों पर दंगे करवाने की साजिश रचने के आरोप लगे थे, उनको हाईकोर्ट ने राहत दे दी है तो हनीप्रीत को भी जमानत दी जाए। हनीप्रीत ने याचिका में बताया कि इन दंगों की साजिश रचे जाने को लेकर 27 अगस्त 2017 को शिकायत दर्ज करवाई गई थी, तब शिकायत सिर्फ आदित्य इंसा और सुरिंदर धीमान के खिलाफ ही दर्ज की गई थी।

इसके बाद 7 सितंबर को डेरा प्रमुख के गनमैन कांस्टेबल विकास कुमार के बयान दर्ज किए गए, जिसमेंं पहली बार हनीप्रीत का नाम आया कि उसने आदित्य इंसा सहित अन्य के साथ 17 अगस्त 2017 को डेरे में बैठक की थी कि अगर 25 अगस्त को सीबीआइ कोर्ट डेरा मुखी के खिलाफ कोई भी फैसला सुनाती है तो दंगों की आड़ में डेरा प्रमुख को वहां से निकालने में मदद की जाए। 



हनीप्रीत ने याचिका में बताया है कि 2 अक्तूबर 2017 को उसने पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था तभी से वह न्यायिक हिरासत में है। इस मामले में उसे गलत तरीके से फंसाया गया है। हरियाणा सरकार के वकील रमेश कुमार अंबावता ने कोर्ट को बताया कि हनीप्रीत मुख्य आरोपी है और पुलिस के पास हनीप्रीत के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। सरकार के वकील के मुताबिक हनीप्रीत ने दंगा भड़काने के लिए 1.25 करोड रुपए बांटे थे, जो आरोपी चमकौर सिंह और पवन बंसल से कुछ राशि रिकवर भी की गई है।

बता दें, इससे पहले हाईकोर्ट के जस्टिस रामेंद्र जैन ने हनीप्रीत को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि याचिकाकर्ता पर संगीन आरोप हैं, ऐसे आरोपी को कैसे जमानत दी जा सकती है। हनीप्रीत के वकील का कहना था कि उन्हें पक्ष रखे जाने का मौका दिया जाना चाहिए। इसके बाद सोमवार (26 अगस्त) को सुनवाई होनी थी, लेकिन जज ने सुनवाई से इनकार कर दिया।

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