Edited By Deepak Paul, Updated: 31 Jan, 2019 10:05 AM

ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले लोगों को सुधारने के लिए अब प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि अगर कल से यानि 1 फरवरी से जो ट्रैफिक नियमों को तोड़ेगा उसे चालान भरने से पहले ट्रैफिक नियमों की ट्रेङ्क्षनग लेनी होगी यानि कल से जिस भी व्यक्ति का ट्रैफिक नियम...
करनाल(नरवाल): ट्रैफिक नियम तोडऩे वाले लोगों को सुधारने के लिए अब प्रशासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि अगर कल से यानि 1 फरवरी से जो ट्रैफिक नियमों को तोड़ेगा उसे चालान भरने से पहले ट्रैफिक नियमों की ट्रेङ्क्षनग लेनी होगी यानि कल से जिस भी व्यक्ति का ट्रैफिक नियम को लेकर चालान कटेगा, उसे चालान भरते समय पहले ड्राइविंग की ट्रेङ्क्षनग लेनी होगी। विभाग द्वारा मिले आकंड़ों की मानें तो ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों के हर माह करीब 8 से 9 हजार चालान होते हैं लेकिन फिर भी लोग यातायात नियमों की पालना नहीं करते।
वजह नियमों की जानकारी ही न होना लेकिन करनाल में अब ऐसा नहीं चलेगा। सड़क पर वाहन चलाना है तो ट्रैफिक नियमों व ड्राइविंग की पूरी जानकारी होना जरूरी है। अब चालान का भुगतान करने से पहले ट्रैफिक रूल्स को जानना होगा और ड्राइविंग की भी ट्रेङ्क्षनग लेनी होगी। इस ट्रेङ्क्षनग में पास होने के बाद ही चालान का जुर्माना भर आप सड़क पर वाहन दौड़ा सकेंगे। फरवरी माह से नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। ट्रेङ्क्षनग सैक्टर-7 स्थित ट्रैफिक पार्क में होंडा के विशेष प्रशिक्षकों द्वारा नि:शुल्क कराई जाएगी।
चालान भरते वक्त दिखाना होगा ट्रेनिंग सर्टीफिकेट
नए नियमों में ऐसी व्यवस्था की जा रही कि बिना ट्रेङ्क्षनग के कोई भी व्यक्ति अपना चालान नहीं भर सकेगा। जब भी व्यक्ति चालान भरने जाएगा, वहां चालान रसीद के साथ उसे ड्राइविंग ट्रेङ्क्षनग का सर्टीफिकेट भी दिखाना होगा। इसके बाद ही जुर्माने की राशि का भुगतान होगा।
इसलिए किया फेरबदल
जिले में हर माह यातायात नियमों की अनदेखी करने पर ट्रैफिक पुलिस द्वारा 9000 से ज्यादा वाहन चालकों के चालान किए जाते हैं। फिर भी लोग ट्रैफिक रूल्स फॉलो नहीं करते। चालाङ्क्षनग अथॉरिटी के इंचार्ज चांद प्रकाश के अनुसार सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चालक ट्रैफिक रूल तोड़ते हैं। यही कारण है कि हर माह 50 प्रतिशत से ज्यादा चालान इन्हीं के होते हैं। इसके अलावा 500 से अधिक वाहन चालक ऐसे भी पकड़े जाते हैं जिनके पास लाइसैंस नहीं होता।
हर रोज 3 हादसों में हो रही एक मौत
ट्रैफिक एंड हाईवे पुलिस से जुटाए गए आंकड़ों के अनुसार गत वर्ष 782 सड़क हादसे हुए। इनमें 303 फैटल एक्सीडैंट हैं। इन सभी हादसों में कुल 315 जान गई और 294 लोग गंभीर हो गए। यानि हर रोज 3 हादसों में एक मौत और 3 लोग घायल हो रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार 55 प्रतिशत हादसों के पीछे ट्रैफिक रूल न मानना है। इसे कम करने के लिए अवेयरनैस जरूरी है।
क्या कहते हैं ए.डी.सी.
ए.डी.सी. निशांत कुमार यादव ने बताया कि लोगों को ट्रैफिक रूल्स के प्रति अवैयर करना ही हमारा मकसद है। इससे उनमें ट्रैफिक सैंस भी विकसित होगी। फरवरी माह से रोजाना बैच लगाकर ट्रेङ्क्षनग दी जाएगी। टैस्ट पास करने वालों को आर.टी.ए. विभाग की तरफ से सर्टीफिकेट प्रदान किया जाएगा। एक फरवरी से नई व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा, चालान कटने के बाद चालक को 2 घंटे का प्रशिक्षण लेना होगा।