Edited By Saurabh Pal, Updated: 07 Sep, 2023 08:58 PM
हैफेड कार्यालय के गोदाम में रखे गेहूं के स्टाक को पानी से भिगोने के मामले में चार सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद विभाग की तरफ से दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ हैफेड के डीएम सुरेश वैध अपने ही विभाग के...
कैथल (जयपाल) : हैफेड कार्यालय के गोदाम में रखे गेहूं के स्टाक को पानी से भिगोने के मामले में चार सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के बाद विभाग की तरफ से दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ हैफेड के डीएम सुरेश वैध अपने ही विभाग के चेयरमैन कैलाश भगत द्वारा दो अधिकारियों के लिए मामला दर्ज करने आदेश उन्हें नहीं मिलने की बात कह रहे है।
बता दें कि हैफेड डीएम सुरेश कुमार ने इस पूरे मामले की जांच के लिए चार सदस्य कमेटी का गठन किया था इसके साथ ही स्वंय भी इसकी रिपोर्ट बना उच्चाधिकारियों को भेजी थी जिस पर संज्ञान लेते हुए हैफेड के चेयरमैन कैलाश भगत ने इंस्पेक्टर व गोदाम के इंचार्ज के खिलाफ एफआइआर के आदेश दिए हैं।
मामला दर्ज करवाने के नहीं मिले कोई आदेश: डीएम हैफड
इस विषय को लेकर जब डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुरेश वैध से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उपरोक्त मामले में अब तक दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के कोई भी आदेश उन्हें प्राप्त नहीं हुए हैं।
गौर रहे कि गोदाम में एक लाख तीस हजार गेहूूं के कट्टे रखे हुए है जिन पर पानी डाल उनका वजन बढ़ाकर गोलमाल किया जा रहा था। इस माल को उठाने के लिए स्पेशल लगी हुई है, जो रेलगाड़ी में लोड करके राजस्थान भेजा जा रहा है जो आगे जाकर सरकारी डिपो में बीपीएल परिवारों को वितरित किया जाएगा !
पिछले साल भी दर्ज हुआ था पानी डालने का मामला
पिछले साल भी 29 अगस्त की रात को शहर के प्यौदा रोड स्थित हैफेड गोदाम में गेहूं के स्टॉक का वजन बढ़ाने को पानी की छिड़काव किया जा रहा था। सूचना पर रात को ही जिला प्रशासन की टीम ने रेड की तो सामने आया था कि गेहूं के स्टॉक पर पानी की पाइप चलती हुई मिली और कर्मचारी फरार हो गए। इसके बाद हैफेड इंस्पेक्टर की शिकायत पर गोदाम का रखरखाव करने वाली शुभम लॉजिस्टिक कंपनी व उसके कर्मचारी पवन के खिलाफ सिविल लाइन थाना में मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में हैफेड विभाग द्वारा पुलिस को बताया कि उनका कोई नुकसान नहीं हुआ। इस आधार पर पुलिस ने केस को कैंसिल कर दिया था, जिसके चलते पिछले साल भी दोषी अधिकारियों पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हो पाई थी, शायद इसी बात का फायदा अब और कर्मचारी उठा रहे हैं कि विभाग की कार्रवाई केवल केस दर्ज करने तक सीमित रही है। इससे साफ है कि अबकी बार भी कार्रवाइ ठंडे बस्ते में डाल दी जाएगी। क्योंकि इस गड़बड़ी के तार कई बड़े अधिकारियों तक जुड़े होते हैं।
वहीं हैफेड चेयरमैन और डिस्ट्रिक्ट मैनेजर की दोनों की बातों पर गौर किया जाए तो दोनों की बातों में बहुत बड़ा अंतर है। एक तरफ जहां हैफेड चेयरमैन कैलाश भगत मामला दर्ज करने के आदेश डीएम को दिए जाने की बात कह रहे हैं, तो वही हैफड डीएम सुरेश वैध इस बात को सिरे से नकार रहे है अब देखना होगा कि इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कुछ कार्रवाई की जाएगी या फिर यह मामला भी केवल मौखिक आदेशों में उलझ कर रह जाएगा।
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