झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरने पर बैठा स्वास्थय विभाग

Edited By Isha, Updated: 19 Sep, 2019 01:08 PM

health department seated on strike to demand action on hawkish doctors

लोगों की जिंदगी और सेहत के लिए बड़ा खतरा बने झोलाछाप डाक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने से साफ-साफ बच रहा है। झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सी.एम. विंडो में शिकायत करने से लेकर.......

जींद (जसमेर): लोगों की जिंदगी और सेहत के लिए बड़ा खतरा बने झोलाछाप डाक्टरों पर स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई करने से साफ-साफ बच रहा है। झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सी.एम. विंडो में शिकायत करने से लेकर भूख हड़ताल करने और जिला प्रशासन को ज्ञापन देने तक तमाम कदम निजी चिकित्सक और उनके संगठन उठा चुके हैं। इसके बावजूद झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई नहीं हो पाने के चलते अब निजी डैंटल एसोसिएशन ने अदालत का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया है। 

जिले को झोलाछाप डाक्टरों से मुक्त प्रदेश का माडल जिला बनाने के लिए आई.एम.ए., नीमा, प्राइवेट डैंटल सर्जन एसोसिएशन ने बड़ी पहल के तहत लगभग 4 महीने पहले सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंप डी.सी. कार्यालय तक प्रदर्शन किया था। तब मांग की गई थी कि जींद जिले में लोगों की जिंदगी और सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देने के अलावा सी.एम. विंडो में भी शिकायत देकर झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। इसके बाद खाना-पूर्ति के नाम पर जुलाना में कुछ डैंटल डाक्टरों के यहां स्वास्थ्य विभाग की टीम ने दस्तक दी थी लेकिन कोई कड़ी और कारगर कार्रवाई झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ नहीं हुई। इसके बाद 31 मई को डी.सी. डा. आदित्य दहिया को फिर एक ज्ञापन इस सिलसिले में सौंपकर झोलाछाप डाक्टरों पर कार्रवाई की मांग की गई थी।

डी.सी. डा. आदित्य दहिया ने सिविल सर्जन को झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। उनके निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर केवल नरवाना में 3 डैंटल क्लीनिकों पर जांच के लिए दस्तक दी थी। कार्रवाई यहीं पर आकर अटक गई। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इन डाक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

1 जुलाई को की थी भूख हड़ताल  
जिले को झोलाछाप डाक्टरों से मुक्त माडल जिला बनाने के लिए निजी डैंटल सर्जन एसोसिएशन जैसे संगठनों ने एक जुलाई को डी.सी. कार्यालय के बाहर धरना देकर भूख हड़ताल की थी। डाक्टर्स-डे को ब्लैक-डे के रूप में मनाया था। डाक्टर्स ने दिन भर भूख हड़ताल करने के बाद रानी तालाब से डी.सी. कार्यालय तक विरोध प्रदर्शन किया था।  

बाद में तत्कालीन ए.डी.सी. डा. मुनीष नागपाल को मांगों का ज्ञापन सौंपा था। ए.डी.सी. डा. मुनीष नागपाल ने तत्कालीन सिविल सर्जन डा. शशि प्रभा अग्रवाल को मौके पर ही बुलाकर उनसे झोलाछाप डाक्टरों पर जल्द और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद जिले में इन डाक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।  

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