सीएम खट्टर का शायराना अंदाज, ‘मेरा यही अंदाज जमाने को खलता है’

Edited By Rakhi Yadav, Updated: 12 Sep, 2018 09:05 AM

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हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जहां कई मामलों में विपक्ष को आईना दिखाया, वहीं सत्तापक्ष व विपक्ष के सभी सवालों का एक-एक कर जवाब दिया। शायराना अंदाज में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरा यही अंदाज जमाने को खलता...

चंडीगढ़(धरणी): हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जहां कई मामलों में विपक्ष को आईना दिखाया, वहीं सत्तापक्ष व विपक्ष के सभी सवालों का एक-एक कर जवाब दिया। शायराना अंदाज में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरा यही अंदाज जमाने को खलता है, कि ये चिराग हवा के खिलाफ क्यों जलता है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विधायकों की जो मांगें सदन में आई हैं, सभी को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डेरा हिंसा में मुआवजे के मामले पर सरकार कोई फैसला नहीं ले सकती है, क्योंकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।

उन्होंने सदन में कर्मचारियों के मुद्दे पर कहा कि सातवें वेतन आयोग को सरकार ने सबसे पहले लागू किया। कर्मचारियों के वेतन भत्ते समेत तमाम फैसले कर्मचारियों के हित में किए गए है। आशा वर्कर्स और आंगनबाड़ी वर्कर्स के वेतन को भी बढ़ाया गया है। गैस्ट टीचर्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि हटाओ लेकिन हमने उन्हें नहीं हटाया। कम्प्यूटर टीचर्स को भी सरकार ने राहत दी है। 

टीचर्स तबादला पॉलिसी सरकार ने बनाई, ताकि तबादले के लिए टीचर्स को परेशानी न आए। भर्तियों में भ्रष्टाचार था, बदली, भर्ती और सी.एल.यू. यानी बी.बी.सी. उनको कहा जाता था लेकिन हम पारदर्शिता लेकर आए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पारदर्शिता को लेकर ग्रुप सी व डी से इंटरव्यू खत्म किया है।  हाईकोर्ट से प्रभावित कर्मचारियों के मामले में हरियाणा के महाधिवक्ता बलदेव राज महाजन ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि रैगुलराइजेशन के मामले में करीब साढ़े चार हजार लोग हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित हैं। 

इस मामले में मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, पूर्व सी.एम. हुड्डा और इनैलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा से फोन पर बातचीत कर कहा था कि ए.जी. के पास अपने लीगल एक्सपर्ट भेजें, ताकि सहमति बन सके। ए.जी. बलदेव राज महाजन ने कहा कि पूर्व ए.जी. हवा सिंह हुड्डा और एन.के. शेखावत से कॉमन सहमति बनी कि सुप्रीम कोर्ट में एस.एल.पी. दायर की जाए। ए.जी. ने कहा कि 6 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने एस.एल.पी. दायर कर दी है और 1 नवम्बर तक राहत मिलने की उम्मीद है। ए.जी. ने कहा कि अगर पहले एक्ट लाते तो चैलेंज हो सकता था, इसलिए एस.एल.पी. दायर की गई है।

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