Edited By Isha, Updated: 10 Oct, 2024 08:26 PM
एक तरफ जहां प्रदेश में मिलर्स के द्वारा धान की खरीद व उठान न करने को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, धान न बिकने के कारण किसान कई दिनों से मंडियों में डेरा डाले हुए हैं, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कैथल(जयपाल रसूलपुर): एक तरफ जहां प्रदेश में मिलर्स के द्वारा धान की खरीद व उठान न करने को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, धान न बिकने के कारण किसान कई दिनों से मंडियों में डेरा डाले हुए हैं, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं कैथल में खरीद प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों की सूझबूझ और मिलर्स के साथ अच्छे समन्वय के कारण किसानों को कोई परेशानी नहीं आ रही।जिले में अब तक 2 लाख एमटी धान की खरीद हो चुकी है, इसके अलावा अब तक मंडी से 30 प्रतिशत माल की लिफ्टिंग हो चुकी है। लगभग 75 करोड रुपयों का किसानों भुगतान कर कैथल प्रदेश में पहले नंबर है। जिले के 160 से अधिक मिलर्स किसानों की धान खरीद रहे हैं।
बता दें कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसको लेकर खुद डीएफएससी निशांत राठी फील्ड में मोर्चा संभाले हुए हैं।इसके साथ ही खरीद एजेंसीयों और किसानों के साथ खुद बात कर उनको आने वाली समस्याओं को मौके पर ही निपटाने आने का काम कर रहे हैं। मंडी में फसल लेकर आए किसानों को जाम का सामना नहीं करना पड़े इसको लेकर दो लाइन बनवाई गई है। इसके साथ ही कोई भी आढ़ती मंडी के रास्तों पर धान न गिराए इसको लेकर भी सभी को निर्देश दे रहे हैं। डीएफएससी निशांत राठी ने किसानों से अपील की है कि वह अपने धान को सुखाकर मंडी में लेकर आए ताकि आते ही उनकी फसल आते ही बिक जाए।
जानकारी देते हुए डीएफएससी निशांत राठी ने बताया कि धान खरीद व उठान करने में कैथल जिला पूरे प्रदेश में नंबर 1 पर है।यहां सबसे ज़्यादा धान की खरीद हो चुकी है और सबसे ज़्यादा उठान भी हो चुका है। वहीं फसल बेच चुके किसानों को भी 75 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। सबसे ज़्यादा संख्या में कैथल में 160 मिलर्स ख़रीद कर रह हैं।