1857 की क्रांति को क्रांति नहीं माना जाता है,1857 का विद्रोह कहा जाता था: विज

Edited By Isha, Updated: 11 May, 2022 08:29 AM

the revolution of 1857 is not considered a revolution

हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि या दुर्भाग्य जनक बात है कि देश की आजादी से जुड़ा हुआ है इतिहास सही तरीके से नहीं पढ़ाया जाता था। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति को क्रांति नहीं माना जाता है। 1857 का विद्रोह कहा जाता था।बहुत...

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी): हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि या दुर्भाग्य जनक बात है कि देश की आजादी से जुड़ा हुआ है इतिहास सही तरीके से नहीं पढ़ाया जाता था। उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति को क्रांति नहीं माना जाता है। 1857 का विद्रोह कहा जाता था।बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि 1857 की लड़ाई मेरठ से शुरू हुई थी जबकि उससे कुछ वक्त पहले ही 10 मई 1857 को अंबाला कैंट में यह लड़ाई शुरू हो चुकी थी। जिसका प्रमाण 10 मई 1857 को ब्रिटिश सरकार का भेजा गया टेलीग्राम है। जिसे अंबाला कैंट में बनने वाले वार मेमोरियल में सहेज कर रखा जाएगा।  यह बहुत जरूरी है कि उस वक्त कौन -कौन से लोकगीत हरियाणा में आम लोगों के अंदर स्वाधीनता की भावना पैदा कर रहे थे उनको फिर से जीवित किया जाए । इसके अलावा उस वक्त कि  ऐतिहासिक सडक़ों  का प्रतिरूप भी इस तरह से  बनाया जाए कि आम आदमी भी उन सडक़ों पर घूमने जैसा अनुभव कर सकें। हरियाणा आर्काइव विभाग के निदेशक की तरफ से भी कुछ उर्दू के वह खत जो उस वक्त के राजाओं  ने भेजे थे वह भी उपलब्ध कराए गए । जिनको अंग्रेजी और हिंदी में  अनुवाद करके उपलब्ध कराने के लिए मुख्य सचिव की तरफ से आदेश दिए गए हैं।

  विज के अनुसार  इतिहासकारों का यह मत था कि यह वार मेमोरियल जब तक लोगों के साथ नहीं जुड़ पाएगा जब तक कि हम सही सूचनाएं  और उस वक्त की सच्ची तस्वीर लोगों तक ना दिखा पाए।उन्होंने बताया कि स्मारक में 210 फुट ऊंचे 13 मंजिला मैमोरियल टावर बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि टावर के साथ 20 फुट ऊंचाई की दीवार बनाई जायेगी, जिस पर 1857 की क्रांति के योद्धाओं का उल्लेख किया जायेगा। इस स्मारक में विकसित किए जाने वाले 6 पार्कों में 1857 की क्रांति के विवरणों को भी दर्शाया जाएगा। इसके अलावा ओपन एयर थियेटर के पीछे दुकानें, हाल, फूड स्टॉल, प्रदर्शनी स्थल के साथ आईसी बिल्डिंग में वीआईपी लॉज, चिल्ड्रन कॉर्नर, बुक स्टोर, म्यूजियम बिल्डिंग में लिफ्टस की व्यवस्था होगी। इसके साथ ही ऑडिटोरियम में स्थित ओपन थियेटर में लोगों के बैठने की व्यवस्था, अलग-अलग प्रकार के फव्वारे, वाटर कर्टन के साथ दो प्लेटफार्म व अन्य सुविधाएं रहेंगी। इनके अलावा कार पार्किंग और हैलीपैड की व्यवस्था भी रहेगी।  अम्बाला के इतिहास पर अनुसंधान कर रहे  । 10 मई 1857 को शुरू हुई आजादी की पहली लड़ाई मेरठ व अन्य प्रदेशों से करीब 9 घंटे पहले ही अम्बाला में शुरू हो चुकी थी। इसका प्रमाण इतिहास में कई स्थानों पर मिलता है। 

कलाकारों की प्रस्तुतियां देख जब भावुक हुए गृहमंत्री श्री अनिल विज
माननीय गृह मंत्री अनिल विज आज शाम देश के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की 165वीं वर्षगांठ के अवसर पर अंबाला छावनी के एसडी कॉलेज में नाटक दास्तान-ए-रोहनात मंचन में कलाकारों की प्रस्तुतियां देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कलाकारों की इस प्रस्तुति को बेहतरीन करार देते हुए इस नाटक में प्रस्तुत किए गए इतिहास को अंबाला छावनी में बन रहे शहीद स्मारक में प्रदर्शित करने की घोषणा की। साथ ही संस्था को 1857 के स्वाधीनता संग्राम के दौरान अंबाला से फूटी क्रांति पर भी नाटक तैयार करने की मंजूरी प्रदान की। उन्होंने नाटक मंचन संस्था को 25 लाख रुपए देने की भी घोषणा करी। उन्होंने बेहतरीन नाटक प्रस्तुति करने पर सभी कलाकारों को हाथ जोड़कर उनका हौसला बढ़ाया*

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!