भारत के संविधान में शामिल हो गांव की परिभाषा, गांधी जी ने भी की थी ग्राम स्वराज की बात: सुनील जागलान

Edited By Yakeen Kumar, Updated: 17 Dec, 2024 06:02 PM

the definition of village should be included in the constitution of india

भारत के संविधान में गांव शब्द को परिभाषित कर शामिल करने के लिए ग्राम एसोसिएशन ऑफ भारत द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है।

चंडीगढ़ : भारत के संविधान में गांव शब्द को परिभाषित कर शामिल करने के लिए ग्राम एसोसिएशन ऑफ भारत द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव के अनुसार, देश भर की ग्राम पंचायतों को ग्राम सभाओं के माध्यम से रिज़ॉल्यूशन पास करके प्रधानमंत्री को भेजने के लिए तैयार किया जा रहा है। 

ग्राम एसोसिएशन ऑफ़ भारत के शेरपा सुनील जागलान ने बताया कि यह बहुत दुखद बात है कि आजादी के 77 वर्षों बाद भी ग्राम स्वराज की भावना को सर्वोपरि रखने वाले देश भारत के संविधान में गांव को परिभाषित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों को विशेष रूप से 29 अधिकार संविधान में दिए गए हैं, लेकिन आज तक देश की पंचायतें इन अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही हैं।

ग्राम एसोसिएशन ऑफ भारत द्वारा यह प्रस्ताव तैयार किया गया है ताकि गांव शब्द को संविधान में परिभाषित किया जा सके और देश की सत्तर प्रतिशत आबादी को सम्मान मिल सके। महात्मा गांधी जी ने भी जब ग्राम स्वराज की बात की थी तो उसमें गांव की बात की थी,लेकिन यह गलती आजादी के शुरुआती तौर पर ही हो गई कि देश की आजादी के बाद इस शब्द पर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया।

ग्राम एसोसिएशन ऑफ भारत देश भर की पंचायत की जो एसोसिएशन, सरपंच, प्रधान और मुखियाओं की जो एसोसिएशन बनी है उन सबसे भी आग्रह करके प्रधानमंत्री को यह प्रस्तावित करेंगे कि जल्द गांव शब्द को परिभाषित करके संविधान में शामिल किया जाए। जागलान ने कहा कि समूचे देश के पंचायत प्रतिनिधियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पर पूरा विश्वास है कि वह देश की सत्तर प्रतिशत आबादी की यह बात समझ पाएंगे और गांव को संविधान में शामिल करके असल भारत की आजादी जो हमें मिली है उसको चरितार्थ करेंगे।

जागलान ने कहा कि देश की संसद में संविधान पर अलग-अलग दृष्टिकोण के साथ कई दिनों तक चर्चा हुई लेकिन गांव के बारे में चर्चा इसमें शामिल नहीं हुई। सदन में माननीयों ने गांव की परिभाषा इसमें शामिल नहीं होने पर अपनी बात नहीं की। गौरतलब है कि सुनील जागलान हरियाणा के जींद जिले के बीबीपुर गांव के सरपंच रहे हैं तथा उन्होंने देश को पहली महिला हितैषी,बाल हितैषी व डिजिटिल पंचायत दी है। उनको दो बार राष्ट्रीय पुरूस्कार भी मिले हैं तथा उनके पंचायती राज पर किए गए कार्य पर बनी डॉक्युमेंट्री फिल्म को भी दो राष्ट्रीय फिल्म फ़ेयर पुरस्कार मिले हैं। 

उनके पंचायत कार्यों पर ए विलेज नेम्ड बीबीपुर का पाठ आठवीं कक्षा में पढ़ाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नौ बार उनकी तारीफ़ कर चुके है। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने भी उनके कार्यों की प्रशंसा की थी। सुनील जागलान एक दशक से देश भर में पंचायती राज सशक्त करने के लिए कार्य कर रहे हैं ।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!