Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 18 May, 2018 11:17 AM
HSSC के चेयरमैन को निलंबित करने के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि HSSC के चेयरमैन भारत भूषण भारती को निलंबित करना सरकार को अंगुली कटा कर शहीद होने का स्वांग करने के समान है। HSSC...
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): HSSC के चेयरमैन को निलंबित करने के बाद विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि HSSC के चेयरमैन भारत भूषण भारती को निलंबित करना सरकार को अंगुली कटा कर शहीद होने का स्वांग करने के समान है। HSSC में जो कुछ होता रहा उसके सूत्रधार स्वयं सत्ताधारी हैं। वो उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायधीश की जांच से बच रहे हैं, ताकि सच्चाई सामने न आ सके, जबकि कमीशन में धड़ल्ले से पैसे के बदले नौकरियां बेची जाती रही।
हुड्डा ने कहा कि प्रदेश के ब्राह्मण समाज के आक्रोश को भांप कर प्रकाशक को काली सूची में डालने, परीक्षक को प्रतिबन्धित करने व माफी मांगने मात्र से एचएसएससी पाक साफ नहीं हो जाता। कांग्रेस पार्टी की मांग है कि सरकार एचएसएससी के गठन से लेकर अब तक बेची गई नौकरियों समेत सम्पूर्ण कामकाज में चेयरमैन की संलिप्तता व सरकार के रोल की जांच उच्च न्यायालय के कार्यरत न्यायधीश से करवाए व भारती को निलंबित करने की बजाए बर्खास्त किया जाए।
हुड्डा ने कहा कि सरकार का यह बहुत ही विचित्र निर्णय है कि किसी चेयरमैन का निलम्बन हो रहा है, दूसरी ओर मुख्यमंत्री स्वयं भारती को क्लीन चिट दे रहे हैं तो कोई अधिकारी चाहे वो कितने ही ऊंचे पद पर हो, उसकी निष्पक्ष जांच कैसे होगी ? हुड्डा ने कहा कि गत विधानसभा अधिवेशन में भी कमीशन में हो रही धान्धलियों पर चर्चा हुई थी। हमने भी कई बार कमीशन की कारगुजारी पर सवाल उठाया, पर सरकार हर बार कमीशन के बचाव में खड़ी नजर आई, जिससे एचएसएससी में बड़े भर्ती घोटाले होते रहे।
उन्होंने कहा एचएसएससी में एक के बाद तीन प्रकरण ऐसे सामने आए, जिसमें चेयरमैन की भूमिका संदिग्ध रही है। पहला- पेहवा नगरपालिका प्रधान की ताजपोशी के लिए पैसे का लेन-देन, दूसरे कमीशन द्वारा की जाने वाली भर्तियों में भारी गोलमाल व तीसरे जेई की लिखित परिक्षा में ब्राह्मण समाज बारे अपमानजनक प्रश्न पूछना व इतना कुछ होने के बाद भी मुख्यमंत्री द्वारा चेयरमैन को क्लीन चिट देना यह दर्शाता है कि एचएसएससी में जो कुछ हुआ वो सरकार की जानकारी में हुआ। सरकार पाक साफ है व लापरवाही, अनिममितता या घोटालों के तार केवल एचएसएससी तक सीमित हैं तो सरकार उच्च न्यायालय के सेवारत न्यायधीश से जांच करवाने से क्यों डर रही है ?