Edited By Deepak Kumar, Updated: 24 Jan, 2025 06:47 PM
SIC की टीम नूंह के श्रम विभाग कार्यालय पहुंची। टीम के पहुंचते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। टीम ने संबंधित अधिकारियों को समस्त रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के निर्देश दिए है।
नूंह (एके बघेल): जिले में शुक्रवार को सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल मजीद की अध्यक्षता में विशेष जांच समिति (SIC) की एक टीम नूंह के श्रम विभाग कार्यालय पहुंची। टीम के पहुंचते ही कार्यालय में हड़कंप मच गया। टीम ने संबंधित अधिकारियों को समस्त रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के निर्देश दिए है।
बता दें कि मंत्री अनिल विज के निर्देश पर हुई जांच नूंह और गुरुग्राम में औद्योगिक कंपनियों में फर्जी घटनाओं को दिखाकर गलत दावे आवेदन प्रस्तुत करके बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने लगातार मिल रही शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए श्रम मंत्री अनिल विज ने जांच के लिए एक विशेष जांच समिति (SIC) का गठन किया था, जिसमें बताया गया था कि वर्ष 2021 से वर्ष 2024 तक नूंह और गुरुग्राम में औद्योगिक कंपनियों में फर्जी घटनाओं को दिखाकर कर्मचारी प्रतिकर (कंपनसेशन) अधिनियम, 1923 के तहत गलत दावे आवेदन प्रस्तुत करके बीमा कंपनियों से मुआवजा लिया गया था। इन आवेदनों की जांच के लिए बीते 10 जनवरी को सेवानिवृत्त अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अब्दुल मजीद की अध्यक्षता में एक विशेष जांच समिति को गठित किया गया। जो आज जांच करने के लिए नूंह पहुंची।
विशेष जांच समिति के अध्यक्ष डॉ. अब्दुल मजीद ने बताया कि नूंह और गुरुग्राम में 2021 से 2024 तक फर्जी तरीके से बीमा कंपनियों से मुआवजा लेने की याचिका पर उन्हें इसकी जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है। जांच के दायरे में जितनी भी फाइलें है उनकी जांच शुरू कर दी गई है। उसी के लिए आज नूंह के श्रम विभाग के कार्यालय में जांच की गई है। संबंधित अधिकारियों रिकॉर्ड पूरा करने के साथ ही फाइलों की पेजमार्किंग करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा कि नूंह में अन्य राज्यों की फाइल काफी ज्यादा है। करीब 800 फाइलों की जांच करेगी टीम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2021 से 2024 तक करीब 800 ऐसी फ़ाइल है जिनमे फर्जी तरीके से बीमा कंपनियों से मुआवजा लिया गया है। इनमे उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा सहित अन्य राज्यों को मुआवजा दिया गया है।
सूत्र यहां तक बताते हैं कि किसी अन्य राज्यों में अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हुई थी तो उसका मेडिकल नूंह में कराकर फर्जी तरीके मुआवजा लिया गया है। जिन्हे नोटिस दिया गया है उनमें डॉक्टर और पुलिस कर्मचारी भी शामिल है। जिसकी जांच अब टीम को करनी है। अगर इस पूरे मामले की जांच हुई तो नूंह में करोड़ो का घोटाला सामने आ सकता है। डॉ. अब्दुल मजीद ने साफ कर दिया है कि इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच के दायरे में आने वाले काफी लोगों को नोटिस भेज दिया गया है, जिसमें नूंह, पुन्हाना और फिरोजुर झिरका के कर्मचारी भी शामिल है। जो बचे हुए है उनको भी नोटिस दिया जायेगा।
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