ई-टेंडरिंग के खिलाफ असहयोग आंदोलन चलाएंगे सरपंच, 25 को CM सिटी करनाल में भरेंगे हुंकार

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 21 Jan, 2023 08:32 PM

sarpanch will run non cooperation movement against e tendering in haryana

प्रदेशभर के किसान पंचायतों में काम रोको प्रस्ताव लागू कर सभी विकास कार्यों को रोक देंगे। सरपंचों की मांग नहीं माने जाने तक पंचायतों में कोई काम नहीं करवाया जाएगा।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी) : प्रदेश सरकार की ई-टेंडरिंग पॉलिसी का विरोध कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आज भी सरपंच एसोसिएशन ने चंडीगढ़ में एक प्रेसवार्ता कर साफ कर दिया कि वे इस पॉलिसी को रद्द करवाए बिना पीछे हटने के मूड में नहीं है। सरपंचों का कहना है कि ई-टेंडरिंग के खिलाफ सूबे में असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा। यही नहीं प्रदेशभर के किसान पंचायतों में काम रोको प्रस्ताव लागू कर सभी विकास कार्यों को रोक देंगे। सरपंचों की मांग नहीं माने जाने तक पंचायतों में कोई काम नहीं करवाया जाएगा। सरपंच एसोसिएश ने अपनी आगामी रणनीति का भी ऐलान कर दिया है।

 

राइट-टू-रिकॉल विधायकों और सांसदों पर भी लागू हो : समैण

 

सरपंच एसोसिएशन, हरियाणा के अध्यक्ष रणवीर सिंह समैण ने बताया कि 18 जनवरी को हुई बैठक में 25 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने फैसला लिया है कि 23 जनवरी को हर ब्लॉक पर सीएम और पंचायत मंत्री के पुतले फूंक कर रोष जताया जाएगा। इसी के साथ 23 जनवरी को ही पंचायत मंत्री के गांव में आयोजित होने वाले कार्यक्रम का भी सरपंच बायकॉट कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री बबली इस कार्यक्रम में सरपंचों को शामिल करने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं, लेकिन इस कार्यक्रम में कोई भी सरपंच शामिल नहीं होंगे। सरपंचों ने साफ कर दिया कि वे अपनी मांगों को लेकर पंचायत मंत्री से कोई बातचीत नहीं करेंगे, हालांकि सीएम मनोहर लाल के साथ बातचीत करने के लिए सरपंच एसोसिएशन तैयार है।

 

23 को सीएम और पंचायत मंत्री का पुतला फूंकेंगे सरपंच, 25 को करनाल में बैठक

 

सरपंच एसोसिएशन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि ई-टेंडरिंग के जरिए विधायकों को फायदा पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। उनका कहना है विधायकों की कमीश्न का इंतजाम किया जा रहा है। इसी के साथ राइट-टू-रिकॉल को भी सरपंचों ने सरकार की तानाशाही बताया है। उन्होंने कहा कि राइट-टू-रिकॉल विधायक और सांसद पर भी लागू होना चाहिए। सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष रणवीर सिंह समैन ने कहा कि ठेकेदार के जरिए होने वाले विकास निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने कहा कि यदि ठेकेदार सही काम नहीं करता है तो सरपंचों के पास उनकी पेमेंट रोकने का कोई अधिकार नहीं रह जाएगा, क्योंकि बीडीपीओ उन्हें पेमेंट कर देगा। इसलिए सरपंचों की मांग है कि सरपंचों को पूर्ण स्वतंत्र अधिकार दिए जाएं। वहीं आंदोलन की आगामी रणनीति को जानकारी देते हुए समैण ने बताया कि 23 जनवरी को मुख्यमंत्री और पंचायत मंत्री के पुतले फूंकने के बाद 24 जनवरी को बीडीपीओ कार्यालयों पर तालाबंदी की जाएगी। इसके बाद 25 जनवरी को करनाल में मीटिंग कर कोई बड़ी फैसला लिया जाएगा।

 

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