फतेहाबाद में भी पंचायत मंत्री से उलझे सरपंच, बबली बोले- यह सब है विरोधियों की साजिश

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 18 Dec, 2022 04:24 PM

sarpanch protests against e tendering in panchayat minister s program

सरपंचों का कहना है कि ई-टेंडरिंग के जरिए सरकार उनकी पावर को छीनने का काम कर रही है। उनकी मांग है कि 50 लाख रुपए तक के विकास कार्य बिना ई-टेंडरिंग के होने चाहिए।

फतेहाबाद(रमेश): पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के जनसंवाद कार्यक्रमों में प्रदेश सरकार की ई-टेंडरिंग योजना का जमकर विरोध किया जा रहा है। हिसार के साथ फतेहाबाद में भी नवनिर्वाचित सरपंचों का गुस्सा फूट गया और उन्होंने मंत्री जी को बोलने का मौका तक नहीं दिया। सरपंचों का कहना है कि ई-टेंडरिंग के जरिए सरकार उनकी पावर को छीनने का काम कर रही है। उनकी मांग है कि 50 लाख रुपए तक के विकास कार्य बिना ई-टेंडरिंग के होने चाहिए। वहीं सरकार का कहना है कि ई-टेंडरिंग के जरिए गांव में होने वाले विकास कार्यों में पारदर्शिता आएगी।

 

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मंत्री के बोलने से पहले ही अपनी बात कहने पर अड़े सरपंच

 

मंत्री बबली जन संवाद कार्यक्रम के तहत फतेहाबाद में भी पंचायतों के प्रतिनिधियों से बातचीत करने पहुंचे थे। इस दौरान उनके भाषण से पहले ही कार्यक्रम में मौजूद सरपंचों ने बोलना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें बोलने का मौका दिया जाए। सरपंचों ने कहा कि वे अपने सुझाव देना चाहते हैं, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। इसके बाद गुस्साए सरपंचों को समझाकर बिठाया गया और कार्यक्रम में मौजूद पुलिसकर्मियों ने स्थिति को संभाला। टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली ने सरपंचों को कहा कि फतेहाबाद मेरा गृह जिला है। आपको मेरा फायदा उठाना चाहिए।

 

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हिसार में भी जमकर हुआ हंगामा, सरपंचों ने ई-टेंडरिंग का किया विरोध

 

हिसार में भी पंचायत मंत्री को ई-टेंडरिंग से खफा सरपंचों के गुस्से का सामना करना पड़ा। एचएयू के आईजी ऑडिटोरियम में आयोजित हुए जिला स्तरीय जन प्रतिनिधि संवाद कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पूरे जिले से सरपंचों को बुलाया गया था। इस दौरान मंत्री बबली के कार्यक्रम में बीच में ही हंगामा हो गया। ई-टेंडरिंग का विरोध करते हुए कुछ सरपंच ऑडिटोरियम से बाहर चले गए। सरपंचों के बाहर जाने के बाद प्रशासन मुस्तैद हो गया और ऑडिटोरियम में पुलिस को तैनात कर दिया गया। इसके बाद एसडीएम जयबीर यादव ने सरपंचों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। बाद में सरपंचों ने मंत्री बबली से बात करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन वे उनसे बात किए बिना ही कार्यक्रम से निकल गए। इस बीच ऑडिटोरियम के दरवाजे बंद होने के बाद पंचायत सदस्य बाहर खड़े होकर दरवाजे पीटते रहे। सरपंचों ने आरोप लगाया कि उनके हाथ बांधे गए हैं। सरपंचों का कहना है कि दो लाख रुपए से अधिक के विकास कार्य टेंडर के जरिए करवाए जाने के सरकार के फरमान का विरोध कर रहे हैं। जिस समय गुस्साए पंचायत सदस्य ऑडिटोरियम के बाहर खड़े होकर नारेबाजी कर रहे थे, तब मंत्री बबली ने मंच से बोलते हुए कहा कि इस तरह विरोध करने वाले सरपंच नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि ये लोग या तो सरपंच प्रतिनिधि हैं या फिर विरोधी पक्ष के लोग हैं। उन्होंने कहा कि ई-टेंडरिंग को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। इस सब के पीछे जरूर कोई साजिश है।  

 

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