Edited By Yakeen Kumar, Updated: 25 Apr, 2025 05:38 PM

जींद जिले के उचाना क्षेत्र के एक गांव में सरपंच पर 14 लाख रूपये के घोटाले का आरोप लगा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्होनें बिना...
जींद (अमनदीप पिलानिया) : जींद जिले के उचाना क्षेत्र के गुरुकुल खेड़ा गांव में सरपंच पर 14 लाख रूपये के घोटाले का आरोप लगा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि उन्होनें बिना वन विभाग की अनुमति के करीब 56 हरे पेड़ कटवा दिए और उनके लाखों रूपये खुद हजम कर गए। ग्रामीणों का कहना है कि यह कार्रवाई पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पशु-पक्षियों से गुलज़ार इस इलाके में सरपंच ने करीब 56 हरे पेड़ कटवा दिए। इनमें ज़्यादातर किकर और शीशम के छायादार पेड़ थे। ये पेड़ गुरुकुल खेड़ा और घोघड़िया गांव के बीच स्थित 5 एकड़ पंचायती जमीन में थे। जिसकी सरपंच ने न तो वन विभाग से अनुमति ली और न ही कटे पेड़ों के बदले नए पौधे लगाए। जबकि सरकारी नियमों के अनुसार, एक पेड़ काटने पर 10 नए पेड़ लगाने का प्रावधान है। इस कार्रवाई के लिए किसी भी विभाग से ज़रूरी अनुमति नहीं ली गई।
आरोप बेबुनियाद हैं- सरपंच
इस मामले में सरपंच ने कहा कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। जो पेड़ कटवाए गए, वो गांव की कमेटी के निर्णय से कटवाए गए हैं। यहां पर केवल पहाड़ी किकर और झाड़ियां ही ज़्यादा थीं। करीब 4 महीने पहले इनमें जंगली सुअर घुस आए थे, जिसमें सुअरों ने 3-4 ग्रामीणों को चोट पहुंचाई थी। सरपंच ने बताया कि इन जंगली सुअरों ने फसलों को भी काफ़ी नुकसान पहुंचाया था। इसलिए गांव की कमेटी के निर्णय पर ही पेड़ काटकर नए पेड़ लगाने की बात हुई थी। इस पर कमेटी ने ही पेड़ों की देखभाल की बात कही थी। ग्रामीणों द्वारा लगाए आरोप बेबुनियाद हैं।
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