मुझे कांग्रेस से बाहर निकालने की कोशिश करने वाले प्रतिद्वंदी नहीं जानते वह किस मिट्टी से बनी है: किरण चौधरी

Edited By Manisha rana, Updated: 11 Aug, 2022 08:35 AM

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राज्यसभा चुनाव के बाद से लगातार कुछ कांग्रेसी नेता पूर्व मुख्यमंत्री चौ बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी पर आक्रामक दिख रहे हैं...

चंडीगढ़ (धरणी) : राज्यसभा चुनाव के बाद से लगातार कुछ कांग्रेसी नेता पूर्व मुख्यमंत्री चौ बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी पर आक्रामक दिख रहे हैं। ना केवल किरण बल्कि विवेक बंसल और कुलदीप बिश्नोई भी इन नेताओं की रडार पर नजर रहे। राज्यसभा चुनाव के बाद कुलदीप बिश्नोई पार्टी को अलविदा कह गए, जबकि विवेक बंसल पार्टी के हर कार्यक्रम से नदारद दिखे। कुछ नेताओं ने संकेत भी दिए की पंचायती चुनाव के बाद उन पर कोई बड़ा फैसला भी पार्टी हाईकमान कर सकता है। किरण चौधरी पर भी कार्यवाही की मांग भी कुछ कांग्रेसी नेता दबी जुबान करते देखे गए। इस विषय को लेकर पंजाब केसरी ने किरण चौधरी से बेहद कटीले प्रश्न पूछे। लेकिन चौधरी पूरी तरह से आत्मविश्वास में लबरेज और पार्टी के प्रति पूरी तरह से कर्तव्यनिष्ठ दिखी।

उन्होंने इस पूरे प्रकरण को उनके प्रतिद्वंद्वियों का एक बड़ा प्रॉपगंडा बताते हुए कहा कि वह नहीं जानते कि किरण चौधरी किस मिट्टी की बनी है। उनका सपना साकार नहीं होगा। किरण चौधरी को ऐसे लोगों से निपटना खूब आता है। किरण चौधरी ने साफ शब्दों में कहा कि पंचायती चुनाव के बाद वह प्रदेश भर में अपने सामाजिक -राजनीतिक पारिवारिक कार्यकर्ताओं- साथियों के साथ बैठकें करेंगी। लेकिन वह अंतरात्मा से कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी रहेंगी। उन्हें बाहर करने का सपना देखने वाले राजनीतिक प्रतिद्वंदी बड़ी गलतफहमी का शिकार हैं।उन्होंने विवेक बंसल की कार्यशैली पर उंगली उठाने के लिए पार्टी हाईकमान के सामने बात रखने की वकालत की और कहा कि इस प्रकार से पार्टी फोरम से बाहर निकलकर बात करने का मतलब पार्टी को कमजोर करना है। और भी कई महत्वपूर्ण विषयों पर बातचीत हुई। कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन ने हार के बाद आपके वोट पर प्रश्न चिन्ह खड़ा किया, इसमें आपकी प्रतिक्रिया क्या है ?
उत्तर : 
मेरे बारे में सभी जानते हैं कि मैं कांग्रेस की निष्ठावान कार्यकर्ता हमेशा से रही हूं। दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर थी, तभी से मेरी नेता सोनिया गांधी मुझे अच्छी तरह से जानती हैं। अच्छे बुरे वक्त में जब कांग्रेस का साथ छोड़कर नेता भाग गए, हमने कभी कांग्रेस का दामन नहीं छोड़ा। कॉन्ग्रेस हमारे अंदर है। लेकिन राजनीतिक विरोधियों को किरण चौधरी आंख का रोड़ा दिख रही है। क्योंकि किरण चौधरी हमेशा सच्चाई की बात करती है और निष्पक्षता के साथ अपने काम को करती है। किरण चौधरी का कोई और एजेंडा नहीं होता। लेकिन मेरे राजनीतिक विरोधी भाई अपना काम करने की कोशिशों में लगे रहते हैं। लेकिन एक बात कहना चाहती हूं कि इससे पार्टी आगे नहीं बढ़ती। इससे पार्टी कमजोर होती है। यह कोई अच्छी बात नहीं है।

प्रश्न: कांग्रेस के कई गुट विवेक बंसल हटाओ की आवाज को बुलंद कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने अभी तक नाम डिक्लेअर नहीं किया कि वोट आखिर किसका रद्द हुआ है ?
उत्तर : 
कोई भी बात अगर पार्टी फोरम से हटकर रखी जाए तो वह अच्छी बात नहीं होती। पार्टी फोरम से बाहर बात करने का मतलब है कि आप पार्टी के प्रति गंभीर नहीं है। आप पार्टी का नुकसान कर रहे हैं। लीडरशिप के सामने बात रख कर अपना विरोध प्रकट करना चाहिए।

प्रश्न: कुलदीप बिश्नोई के जाने से कितना नुकसान मानती हैं ?
उत्तर : 
यह तय है कि नुकसान कांग्रेस का हुआ है। कोई भी दिग्गज नेता पार्टी को छोड़कर जाता है तो नुकसान की सच्चाई को दरकिनार नहीं कर सकते। यह दुर्भाग्य की बात है वह दूसरी पार्टी में गए। अच्छा होता अगर यही रहते।

प्रश्न: काग्रेस की हर वार्ता में प्रश्न उठता है कि क्या कुलदीप के बाद किरण चौधरी भी कोई कदम उठा सकती हैं ?
उत्तर : 
मेरे प्रतिद्वंदी चाहते हैं कि किसी तरीके से किरण को बाहर निकाल दिया जाए। लेकिन उन्हें नहीं पता कि मैं किस मिट्टी की बनी हूं। मैंने राजनीति में कभी कुछ नहीं लिया। निष्पक्ष और पाक साफ काम किया है। मुझे अपने राजनीतिक विरोधियों को संभालना आता है। मैं राजनीति में काम करने के लिए आई हूं। मुझे बाहर निकालने की सोच रखने वाले गलतफहमी का शिकार हैं। मैं डटकर काम करती हूं। विधानसभा में जो काम बहुत कम लोग कर सकते हैं, वह करती हूं। अपने पक्ष को मजबूत ढंग से पेश करती हूं। विधानसभा के अंदर हो या बाहर हमेशा पार्टी के हित में काम किया है और करती रहूंगी। विरोधियों को पता है कि कब केवल और केवल किरण चौधरी ही बची हैं उनके खिलाफ की मुहिम छेड़ो। जबकि जनता अच्छी तरह से जानती है कि किरण किस तरह की नेता है। जनता जानती है कि कौन किस के लायक है और कौन क्या कर सकता है।

प्रश्न: हरियाणा कांग्रेस को मजबूत करने का मूल मंत्र क्या मानती हैं ?
उत्तर : 
जब सभी इकट्ठे होकर मिलकर काम करेंगे तभी पार्टी मजबूत होगी। आज भी कांग्रेस मजबूत है और संगठित होकर काम करेगी तो और मजबूती बढ़ेगी। अब दूसरी भी पार्टियां आ चुकी हैं। राजनीति में सभी अपना दम लगाते हैं। हम सभी को एक होकर काम करना होगा।

प्रश्न: महामहिम राष्ट्रपति को आपके द्वारा भेजा गया मेमोरेंडम क्या है ?
उत्तर : 
हरियाणा विधानसभा में अगस्त माह के सेशन के दौरान सरकार द्वारा एक जमीन से संबंधित किसान विरोधी एक्ट लाया गया। पार्लियामेंट का एक्ट किसानों के हित में है, इसमें बदलाव करके हमारे विधानसभा में किसान और आमजन के खिलाफ एक्ट लाया गया। मैंने इसका उस समय भी विरोध किया बल्कि वॉकआउट भी किया था। यह कानून ठीक उसी प्रकार से हैं जैसे तीन कृषि थे, जोकि अगर लागू रहते तो बड़ा खामियाजा किसानों को उठाना पड़ता। इस बिल में जो पहले 70 फ़ीसदी लोगों की रजामंदी के बाद जमीन अधिग्रहण हो सकती थी, उसे हटा दिया गया। 2013 वाले बिल में मल्टीक्रॉप लैंड (पैदावार वाली जमीन) को एक्वायर नहीं कर सकते थे, उसे भी इस दायरे से हटा दिया गया यानी आमजन के भी हित में यह बिल नहीं है। यह किसानों के लिए खतरनाक बिल है। 2013 एक्ट मे जमीन अधिग्रहण का असर सामाजिक जनजीवन पर कितना होगा, कितने लोग बेघर होंगे या कितने लोगों की रोजी-रोटी जाएगी, देखा जाता था। अभी तक इंडस्ट्री लगाने के लिए व्यापारी स्वयं जमीन खरीदते थे, अब बीच में सरकार आ गई है यानि बैकडोर तरीके का रास्ता खोला गया है। वह लोग जिनकी रोजी-रोटी का साधन मात्र जमीन है, उनकी कभी भी जमीन सरकार ले सकेगी। वह दर बदर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाएंगे। अब कलेक्टर को यह पावर होगी कि जहां भी बड़ी संख्या में लोगों ने एक्वायर के लिए कंसेंट दी होगी, कलेक्टर बिना नोटिस दिए उसे अधिग्रहण कर पाएगा। जिससे बहुत सी जमीनों में जो पुराने समय से लोग बैठे हैं, खेती कर रहे हैं, लेकिन रिवेन्यू रिकॉर्ड में वह नहीं है, उन्हें किसी भी समय सरकार बाहर कर देगी। पहले उपायुक्त मौके पर जाकर साइट विजिट करते थे, अब उपायुक्त रातो रात एक्वायर करने की पावर रखेंगे। 48 घंटे के अंदर अंदर मालिक के बर्तन बाहर कर दिए जाएंगे। 2013 बिल में एक्वायर जमीन का सरकार बहुत अच्छा मुआवजा देती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसलिए इस बिल के खिलाफ महामहिम राष्ट्रपति को मेमोरेंडम भेजा है ताकि वह संज्ञान ले और इसमें प्रावधान के लिए वापस भेजें।

प्रश्न: हरियाणा विधानसभा देश की तीसरी ई विधानसभा बनने पर क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
इस काम के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को बहुत-बहुत बधाई देती हूं। वह बहुत मेहनत में लगे रहते हैं। यह एक ऐतिहासिक काम हुआ है।फिलहाल पूरी तरह से पेपरलेस नहीं हुआ, लेकिन भविष्य में पूरी तरह से आधुनिकीकरण देखने को मिलेगी। सदस्यों को धीरे-धीरे इसकी आदत हो पाएगी। यह प्रदेश के बजट के लिए भी काफी लाभदायक साबित होगा। प्रदेश का 500 करोड रुपए का खर्च बचेगा। साथ ही पर्यावरण के लिए भी लाभकारी साबित होगा। क्योंकि पेड़ कटके पेपर बनते हैं। ज्ञान चंद गुप्ता जबरदस्त बधाई के पात्र हैं। इससे पहले भी उन्होंने कई अच्छे कदम हरियाणा विधानसभा के लिए उठाए हैं।

प्रश्न: नई विधानसभा के लिए 10 एकड़ जमीन भी हरियाणा को मिली, आपका क्या मत है ?
उत्तर : 
2026 में होने वाले परिसीमन के बाद जनसंख्या के अनुसार हमारे विधायकों की संख्या लगभग 122 से 124 हो जाएगी। आज विधानसभा में विधायकों के बैठने तक का भी उचित स्थान नहीं है। प्रेस गैलरी नहीं है। विधानसभा कमेटियों के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है और अगर नए विधायक आए तो एडजस्ट नहीं हो पाएगा। इसलिए यह हरियाणा के हक की बात है कि सुंदर विधानसभा बनेगी। इससे कार्य करने में भी आसानी रहेगी और मौजूदा विधानसभा भी हमारे पास ही रहेगी। इसमें भी हमें अपना 40 फ़ीसदी का पूरा हक लेना चाहिए।

प्रश्न: आमतौर पर विधानसभा सेशन में कृषि मंत्री से आपकी नोकझोंक चर्चा का विषय क्यों रहती है ?
उत्तर : 
मैं हमेशा सत्य बात ही उठाती हूं। सदन पटल पर जनहित के मुद्दों पर कोई भी गुमराह करने की कोशिश करेगा या भ्रमित करने की कोशिश करेगा तो मजबूरन मुझे विरोध करना होगा। मेरी सोच हमेशा जनता की लड़ाई लड़ना होता है।

प्रश्न: चौ बंसीलाल और चौ सुरेंद्र राजनीति से चमकते सितारे हमेशा रहे लेकिन आपका राजनीतिक सफर काफी संघर्षशील देखा जाता रहा, क्या कहेंगी ?
उत्तर : 
चौ सुरेंद्र सिंह के आकस्मिक निधन के बाद मेरा राजनीति में काफी घातक परिस्थितियों में आना हुआ। मेरा सफर संघर्ष भरा रहा। लेकिन पिछले 18 साल से पूरे हरियाणा ने देखा है कि मैंने बड़ी ईमानदारी और निष्ठा के साथ चाहे मंत्री रहते हुए या नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में अपना काम किया। जनता की आवाज उठाई। मैंने जितना भी हो सका कार्यकर्ताओं के लिए भी काम किया है। विधानसभा हो या बाहर हमेशा जनहित की आवाज उठाई है।

प्रश्न: आपके परिवार का प्रदेश में बड़ा जनाधार है, पूरी तरह से सक्रिय ढंग से कब अपनी कार्यशैली को आगे बढ़ाएंगी ?
उत्तर : 
अब समय नजदीक है। मैं इस कार्य के लिए रूपरेखा तैयार कर रही हूं। पंचायत चुनाव के बाद पूरे प्रदेश भर में हर जिले में अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करूंगी। चौधरी बंसीलाल हरियाणा के निर्माता थे। बड़े संघर्षशील तरीके से लोगों के लिए काम किया। उनकी भविष्य की सोच के कारण ही आज हरियाणा का विकास हो रहा है। वह बेदाग छवि के मालिक थे। चौधरी सुरेंद्र सिंह संघर्षशील नेता रहे। भरसक प्रयास करती रही हूं कि उनके पद चिन्हों पर चलते रहूँ। मैंने मंत्री रहते भी लोगों की आवाज बुलंद की। लोगों के लिए काम किए। जो भी ताकत मेरे हाथ में थी मैंने कभी भी उसमें कमी नहीं छोड़ी।

प्रश्न: आपकी अगली रूपरेखा के बारे में बताएं ?
उत्तर : 
जल्द ही प्रदेश भर में सामाजिक- पारिवारिक और राजनीतिक साथियों के साथ बैठके करूंगी।

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