Edited By Isha, Updated: 02 Aug, 2020 02:24 PM

प्रदेश में चर्चित रजिस्ट्री घोटाले को लेकर राज्य सरकार की नाकामी को शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष व राज्य सरकार में चेयरमेन रह चुके विजय बंसल एडवोकेट ने उजागर किया है
चंडीगढ़(धरणी): प्रदेश में चर्चित रजिस्ट्री घोटाले को लेकर राज्य सरकार की नाकामी को शिवालिक विकास मंच के अध्यक्ष व राज्य सरकार में चेयरमेन रह चुके विजय बंसल एडवोकेट ने उजागर किया है। विजय बंसल का कहना है कि यदि राज्य सरकार द्वारा जमीनों से संबंधित अधिसूचनाओं को प्रति किले व खसरे न0 के हिसाब से राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज किया जाता तो रजिस्ट्री घोटाला होना ही नही था।विजय बंसल के द्वारा इस संदर्भ में 2 फरवरी 2020 को हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को कानूनी नोटिस भेजा गया था परन्तु सरकार ने 6 महीने बीतने के बावजूद इस ओर कार्यवाही नही की।
दरअसल, हरियाणा सरकार के वन विभाग,टाउन व कंट्री प्लानिंग आदि विभागों द्वारा रोजमर्रा में एक व अनेको जमीन संबंधित अधिसूचनाएं ऑफिशयल गैजेट व अखबारों के माध्यम से जारी की जाती है परन्तु राजस्व रिकार्ड में प्रति किल्ला व खसरे नम्बर के हिसाब से दर्ज नही होती जिसके कारण जनता के साथ साथ न्यायलयों को अनेको समस्याओ का सामना करना पड़ता है।अब रजिस्ट्री घोटाला भी रिकार्ड में कमी होने के कारण ही हुआ है।
राजस्व रिकार्ड में जमीनों से सम्बंधित अधिसूचनाओं की एंट्री न होने के कारण ही सूबे में अवैध निर्माण,अवैध अतिक्रमण,अवैध माइनिंग होती है।विजय बंसल ने बताया कि इसके द्वारा न्यायलय को भी अवांछित मुकदमे का बोझ रहता है,यदि सरकार द्वारा जमीनों के संबंधित जारी अधिसूचनाओं की एंट्री को राजस्व रिकार्ड में प्रति किले व खसरे नम्बर के हिसाब से मार्क किया जाए तो सूबे की सरकार न्यायलयों का लगभग 25 प्रतिशत तक के मुकदमो का बोझ कम कर सकती है।