Edited By Isha, Updated: 13 Aug, 2025 04:28 PM

बीती 1 अगस्त को रातोंरात हरियाणा सीएम से मिलकर भाजपा में शामिल हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पूर्व नेता रियल एस्टेट कारोबारी रणजीत सिंह गिल को हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। उन्होंने हाई कोर्ट
चंडीगढ़: बीती 1 अगस्त को रातोंरात हरियाणा सीएम से मिलकर भाजपा में शामिल हुए शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के पूर्व नेता रियल एस्टेट कारोबारी रणजीत सिंह गिल को हाई कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है।
उन्होंने हाई कोर्ट में पंजाब सतर्कता ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार करने के डर से गिरफ्तारी पर रोक लगाने के लिए आवेदन दायर किया था। जिस पर जस्टिस त्रिभुवन दहिया की बेंच में सुनवाई हुई। गिल ने दलील दी कि 1 अगस्त को भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बनाया जा रहा है और इसी कारण उनके घर व अन्य जगहों पर रेड की गई।
कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद गिल के आवेदन पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। मामले में अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी जिस पर पक्ष व विपक्ष सबकी नजरें टिक गई हैं। दरअसल गिल शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के करीबी माने जाते थे, पार्टी से इस्तीफा देकर 1 अगस्त को हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए।
गिल 2017 और 2022 के पंजाब विस चुनाव में खरड़ सीट से हार चुके हैं। सतर्कता ब्यूरो की कार्रवाई का संबंध शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से जुड़े पुराने मामले से है, जांच टीमों को उनके खातों से कथित तौर पर एक कंपनी के खाते में करीब 3 करोड़ रुपए के लेन-देन संबंधित सबूत मिले। छापेमारी में कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस भी जब्त किए गए हैं। गिल ने सोशल मीडिया अकाउंट पर इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह कार्रवाई 'राजनीतिक प्रतिशोध' का हिस्सा है और लेनदेन 2012 के हैं, जो आयकर रिटर्न में शामिल है।