Edited By Mohammad Kumail, Updated: 09 Aug, 2023 04:46 PM

कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। सुरजेवाला ने इस प्रेस वार्ता में युवाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं के भविष्य पर बोली लगाना खट्टर सरकार का चरित्र बन...
नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। सुरजेवाला ने इस प्रेस वार्ता में युवाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के युवाओं के भविष्य पर बोली लगाना खट्टर सरकार का चरित्र बन गया है। रणदीप ने कहा कि सरकार जींद में पकड़े पेपर लीक मामले में पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। 6 और 7 अगस्त को ग्रुप 56 और 57 के लिए पेपर लिया गया, जिसके लिए CET का टेस्ट था। 4 साल बाद इंतज़ार करवाकर 2 बार रिजल्ट निकाला गया, 7 महीने में 2 बार रिजल्ट निकाला और 3 बार संशोधन किया गया। 3 बार नोटिस निकलवाकर CET का रिजल्ट सही हो नहीं पाया। उन्होंने कहा कि 4 अगस्त को कोर्ट की सिंगल बेंच ने रोक लगा दी, रातों-रातों सरकार कोर्ट गई और स्टे लाई, कोर्ट ने कहा एग्जाम हो जाएगा, लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं कर सकते। एग्जाम के बाद सामने आया कि ग्रुप 57 के पेपर को बेचा गया। ग्रुप 56 का पेपर अगले दिन हुआ, जिसमें ग्रुप 57 के 100 में से 41 सवाल रिपीट हो गए।
रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि खट्टर सरकार अपने चहेतों को बता देती है कि इससे पहले वाला पेपर अच्छे से पढ़ लीजीएगा। ये पेपर लीक करने का नायाब तरीका है। ग्रुप 57 के पेपर में सवाल 87 में लिखा कि झज्जर में जो बाग है वो जहानारा बाग है, उसका नाम बदलकर क्या रखा, ये सवाल है? असल में झज्जर में जहाँनारा नाम का बाग नहीं बल्कि जहाँआरा बाग है। उन्होंने कहा कि पेपर में कई हिंदी की भी गलतियां हैं। उन्होंने HPSC का फुल फार्म बताते हुए कहा कि इसका फुल फार्म ‘हेरा फेरी सर्विस कमीशन’ हो गया है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का व्यापम अब हरियाणा में आ गया है। ये 43 बार है जब पेपर लीक हुआ है, लेकिन किसी को सजा नहीं हुई। पेपर लीक माफिया को हरियाणा सरकार का संरक्षण प्राप्त है।
वहीं नूंह मामले पर बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्री कुछ कहते हैं, उपमुख्यमंत्री कुछ कहते हैं। उपमुख्यमंत्री को अगर सुबह 6 बजे ये बात मालूम थी, तो दंगे क्यों नहीं रोके गए। रेपिड एक्शन फोर्स क्यों नहीं लगाई गई, पत्थर इकट्ठे क्यों नहीं होने दिए, लोगों को हथियार क्यों ले जाने दिए, मोनू मानेसर को क्यों सोशल मीडिया पर आने से रोका नहीं गया। इसके अलावा भी उन्होंने कई बिंदुओं पर सरकार को घेरा।
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