Edited By Gourav Chouhan, Updated: 19 Sep, 2022 09:00 PM

इस संबंध में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विपणन सत्र - 2022-23 के दौरान खरीफ फसलों की खरीद के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी न हो।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में खरीफ फसलों की खरीद 1 अक्टूबर से की शुरू होगी। इस दौरान मूंग, मूंगफली, अरहर, उड़द और तिल की खरीद होगी। फसलों की खरीद के लिए प्रदेश में 100 से अधिक मंडियों की व्यवस्था की गई है। इस संबंध में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विपणन सत्र - 2022-23 के दौरान खरीफ फसलों की खरीद के लिए पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी न हो।
15 नवंबर तक चलेगी मंडियों में खरीद प्रक्रिया
मुख्य सचिव ने सोमवार को चंडीगढ़ में खरीफ फसलों की खरीद के संबंध में तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि फसलों की समयबद्ध तरीके से खरीद, उसकी स्टोरेज तथा मंडियों में गनी बैग्स की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि खरीद प्रक्रिया के दौरान किसी प्रकार की समस्या न आए। बैठक में बताया गया कि विपणन सत्र 2022-23 के दौरान मूंग की खरीद 1 अक्टूबर से शुरू होगी और यह 15 नवंबर तक जारी रहेगी। वहीं मूंगफली की खरीद 1 नवंबर से 31 दिसंबर तक की जाएगी। इसके अलावा, अरहर, उड़द और तिल की खरीद 1 दिसंबर से शुरू होगी और 31 दिसंबर तक जारी रहेगी।
न्यूनतम समर्थन मूल्य का जाएगी फसलों की खरीद
बता दें कि खरीफ फसलों की खरीद भारत सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी। बैठक में बताया गया कि राज्य खरीद एजेंसियों जैसे हरियाणा राज्य भंडारण निगम और हैफेड के अलावा नैफेड द्वारा खरीफ फसलों की खरीद की जाएगी। बैठक में बताया गया कि खरीफ फसलों की निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में मण्डिय़ों की व्यवस्था की गई है। मूंग की खरीद के लिए 16 जिलों में 38 मंडियां, अरहर की खरीद के लिए 18 जिलों में 22 मंडियां, उड़द की खरीद के लिए 7 जिलों में 10 मंडियां, मूंगफली की खरीद के लिए 3 जिलों में 7 मंडियां तथा तिल की खरीद के लिए 21 जिलों में 27 मंडियां खोली गई हैं। बैठक में बताया गया कि इस वर्ष मूंग की 41,850 मीट्रिक टन उत्पादन की संभावना है। इसी प्रकार अरहर की 1044 मीट्रिक टन, उड़द का 364 मीट्रिक टन, तिल का 425 मीट्रिक टन तथा मूंगफली का 10,011 मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है।
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