Edited By Yakeen Kumar, Updated: 10 Dec, 2024 04:11 PM

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विभिन्न हिंदू संगठनों के लोग मंगलवार को चरखी दादरी के रोज गार्डन में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर रोष जताया और घटना की निंदा की।
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार के विरोध में विभिन्न हिंदू संगठनों के लोग मंगलवार को चरखी दादरी के रोज गार्डन में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर रोष जताया और घटना की निंदा की।
उसके बाद उन्होंने रोज गार्डन से चरखी दादरी लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर राष्ट्रपति सहित पीएम व अन्य के नाम डीडीपीओ रविंद्र दलाल को ज्ञापन सौंपा।
संगठनों ने देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संयुक्त संघ राष्ट्र के महासचिव, मानवाधिकारी समिति, राज्यपाल, हरियाणा के मुख्यमंत्री व बांग्लादेश दूतावास के नाम सौंपे ज्ञापन के माध्यम से प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अवगत करवाया कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई शेख हसीना सरकार पर उसके देश के कुछ असामाजिक तत्वों, कट्टरपंथियों द्वारा अलोकतांत्रित तरीके से कब्जा कर लिया गया। प्रधानमंत्री को अपना देश छोड़ अन्य देशों में शरण लेनी पड़ी।
उन्होनें कहा कि आरक्षण के नाम पर शुरू हुआ आंदोलन कट्टरपंथियों के हाथों में चला गया और धर्म के नाम पर दंगे भड़काये गए। जिसके चलते वहां पर अल्पसंख्यक बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई, हिंदू आदि पर अत्याचार किये गए जिससे वे अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वहां हो रहे दंगों में खासकर हिंदूओ को निशाना बनाया गया है।
इन हमलों से उनकी ना केवल धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकार खतरे में हैं बल्कि यह एक गहरी मानवीय त्रासदी बन गई है। कार्यकारी सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर पा रही है और ऐसा लग रहा है कि वहां का प्रशासन कट्टरपंथियों के हाथ में है। सेना व पुलिस अल्पसंखयको की सुरक्षा करने की बजाय कट्टरपंथियों की सहयोगी दिखाई दे रही हैं। जिसके चलते वहां अल्पसंख्यकों की सरेआम हत्या की जा रही हैं, धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा है, महिलाओं के साथ दुराचार हो रहा है, पूजा स्थलों को नष्ट कर देवमूर्तियों को खंडित किया जा रहा है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से इन सब पर रोक लगाने की मांग करते हुए अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है।
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