Edited By Manisha rana, Updated: 07 Sep, 2024 11:46 AM
पुलिस चौकी से लेकर पुलिस थाने, डी.एस.पी. से लेकर एस.पी. ऑफिस, जहां रोजाना ही शिकायतों को लेकर आने वालों का तांता लगा रहता है। कोई अपने साथ हुई वारदात की शिकायत देने आता है तो कोई धोखाधड़ी, साइबर क्राइम और क्राइम अगेंस्ट वूमैन से जुड़ी दांस्ता सुनाने...
पंचकूला : पुलिस चौकी से लेकर पुलिस थाने, डी.एस.पी. से लेकर एस.पी. ऑफिस, जहां रोजाना ही शिकायतों को लेकर आने वालों का तांता लगा रहता है। कोई अपने साथ हुई वारदात की शिकायत देने आता है तो कोई धोखाधड़ी, साइबर क्राइम और क्राइम अगेंस्ट वूमैन से जुड़ी दांस्ता सुनाने आता है। इसके साथ ही समय पर एक्शन न लेने, सुनवाई न होने और पुलिसकर्मियों की कमी को गिनाने के लिए आता है। इन सभी शिकायतों में कितनी पर कार्रवाई सही तरीके से होती है और कितनी को कूड़े के डिब्बे में गिरा दिया जाता है, ये बात उस जिले के पुलिस थानों से लेकर एस.पी. ऑफिस में ही दबकर रह जाती है। अब पंचकूला सहित हरियाणा के तमाम जिलों में ऐसा नहीं होगा।
हरियाणा के डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (डी.जी.पी.) ऑफिस ने एक नए प्लान को जारी कर दिया है, जिसमें पंचकूला सैक्टर-6 स्थित डी.जी.पी. ऑफिस से ही पंचकूला सहित हरियाणा के तमाम जिलों में नजर रखी जाएगी। रोजाना ही हर जिले की रिपोर्ट डी.जी.पी. और संबंधित आला अधिकारियों को दी जाएगी। इसके चलते डी. जी. पी. ऑफिस सप्ताह में एक बार इस पूरी प्लानिंग पर मीटिंग कर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब लेगा। काम में कमी छोड़ने वाले पुलिसकर्मियों और पुलिस अधिकारियों पर तुरंत एक्शन भी लिया जाएगा।
डी.जी.पी. की नजर में स्टेट का हर पुलिस थाना
हरियाणा पुलिस के डी.जी.पी. शत्रुजीत कपूर ने इस प्लानिंग को सिरे चढ़ाया है। इस प्लानिंग के तहत हर पुलिस चौकी से लेकर पुलिस थाने, मुंशी के कमरे से लेकर एस.एच.ओ. रूम में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं। पंचकूला सहित अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, कैथल, पानीपत, सोनीपत सहित तमाम जिलों में इन कैमरों को इंस्टॉल करवाया गया है, जिन्हें इंटरनैट और सर्वर के जरिए डी.जी.पी. ऑफिस से जोड़ा गया है। लिहाजा, 24 घंटे डी.जी.पी. ऑफिस की एक टीम इन कैमरों पर नजर रख रही है।
पब्लिक की शिकायतों पर कब, क्या और कितना लिया एक्शन, डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस की टीम बनाएगी स्टेट्स रिपोर्ट
ऑफिस की ओर से इस स्पैशल टीम को तैनात करने के बाद चौकाने वाली बातें सामने आई, जिसमें सामने आया है कि लोगों की ओर से अपनी परेशानी या क्राइम की शिकायत तो पुलिस चौकी, पुलिस थाने में दी थी, लेकिन वह शिकायत डी. जी.पी. ऑफिस में खुद पहुंच गई। शिकायतकर्ता ने डीजीपी. को शिकायत की कॉपी भेजी भी नहीं थी। लिहाजा, शिकायतें सामने आने के बाद पुलिस ने क्या काम किया, स्टेट्स रिपोर्ट क्या है, इन सभी पहलुओं पर पूरी एक रिपोर्ट जिला वाइज तैयार की जाती है। उसके बाद डी.जी.पी को स्टेट्स रिपोर्ट सौंपी जाती है। रिपोर्ट में बताया जाता है कि कितने लोग किस अधिकारी से मिलने के लिए आए। कौन-कौन सी शिकायतें दी गईं। नई शिकायतों पर जांच का क्या स्टेट्स है। पुराने दर्ज किए गए मामलों में क्या एक्शन लिया गया है। अगर किसी मामले की जांच स्लो है तो जिम्मेदार अधिकारी को सीधे डी.जी.पी. ऑफिस से डायरैक्शन आ रही है।
कॉरपोरेट्स कंपनियों की तर्ज पर काम करेगी हरियाणा पुलिस, बैस्ट वर्क करने वालों को हर महीने मिलेगा अवॉर्ड
पुलिस पब्लिक के बीच की दूरी को कम करने और पुलिस की इमेज को सुधारने के लिए भी इस प्लान के जरिए काम किया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि इन शिकायतों पर समय से कार्रवाई करने, कप्लेट के डिस्पोज ऑफ होने पर पब्लिक से भी पूछा जा रहा है कि क्या वे इस जांच से संतुष्ट हैं। अगर नहीं तो उनकी शंका को दूर किया जाता है।। वहीं इसके साथ-साथ हरियाणा पुलिस में डिस्ट्रिक्ट हैडक्वार्टर लेवल पर कॉरपोरेट कल्चर को लाया जा रहा है, जिसमें देखा जाता है कि किस पुलिस थाने के किन-किन पुलिस कर्मियों या अधिकारियों के पास कौन-कौन सी शिकायतों को मार्क किया गया था। वहीं मार्किंग के बाद किसने सबसे ज्यादा कंप्लेट्स को डिस्पोज ऑफ करने पर काम किया है। जांच से पब्लिक के संतुष्ट होने की रिपोर्ट आने के बाद उन पुलिसकर्मियों या अधिकारियों को सम्मानित भी किया जाता है। कॉरपोरेट कल्चर की तर्ज पर जिले का कप्तान उन पुलिसकर्मियों या पुलिस अधिकारियों को बैस्ट इंप्लॉय ऑफ द मंथ का अवार्ड भी दिया जाता है। उनकी फोटो को बैस्ट इंप्लॉय के टैग, प्राइज शिल्ड के साथ जिले के पुलिस थानों और एस.पी. ऑफिस में लगाया जाता है।
पंचकूला में सबसे पहले ट्रायल : डी.जी.पी. ने बनाई स्पैशल टीमें, चौकी से लेकर एस.पी. ऑफिस तक रडार में
सबसे पहले पंचकूला के लिए इस टीम को ट्रायल के तौर पर लगाया गया, जिसमें पंचकूला के सभी पुलिस थाने, चौकी और डी.सी.पी. से लेकरें लिस कमिश्नर ऑफिस में रोजाना आने वाली शिकायतों को स्कैन किया गया। इसके अलावा साइबर क्राइम, हार्डकोर क्राइम पर भी नजर रखी गई। देखा गया कि पब्लिक की शिकायतें आने के बाद या दर्ज हो चुके मामलों में पुलिस की कार्रवाई क्या की जा रही है। सुनवाई हो भी रही है या नहीं। उसकी एक रिपोर्ट डी.जी.पी. ऑफिस को दी गई। टीम ने बताया कि पब्लिक के साथ पुलिस की डीलिंग कैसी हो रही है। लोगों की ओर से क्या वापसी में रिव्यू दिया जा रहा है। इस प्लानिंग का रिजल्ट जब सामने आया तो डी.जी.पी. की ओर से इसे पूरे हरियाणा में लागू किया गया है। इसके चलते हर जिले और उस जिले में पुलिस के पास आने वाली तमाम शिकायतों की जानकारी इस टीम के पास है। पुलिसकर्मी, पुलिस अधिकारी किस तरह से पब्लिक से डीलिंग कर रहे हैं, उन्हें मदद मिल रही है या नहीं, इस बारें में एक रिपोर्ट बनाकर डी.जी.पी. को दी जा रही है।