महेंद्रगढ़ में आवारा कुत्तों व बंदरों का आतंक, रोजाना 5 से 7 लोगों को बना रहे निशाना

Edited By Saurabh Pal, Updated: 12 Dec, 2023 10:42 AM

people troubled by terror of dogs and monkeys in mahendragarh

शहर में बंदर व कुत्तों के काटने की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। नागरिक अस्पताल महेंद्रब्द में प्रतिदिन पांच से सात बच्चें, युवा, बुजुर्ग व वृद्ध व्यक्ति कुत्तों व बंदर के काटने पर उपचार लेने के लिए आ रहे हैं...

महेंद्रगढ़: शहर में बंदर व कुत्तों के काटने की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। नागरिक अस्पताल महेंद्रगढ़ में प्रतिदिन पांच से सात बच्चें, युवा, बुजुर्ग व वृद्ध व्यक्ति कुत्तों व बंदर के काटने पर उपचार लेने के लिए आ रहे हैं। इनमें सबसे अधिक कुत्ते व बंदर काटने के मरीज होते हैं। कुत्ते व बंदर के काटने की संख्या अधिक है। कुल मिलाकर यह लोगों के लिए बहुत बड़ी समस्यां बनती जा रही है।

इन बंदरों व कुतों को पकड़वाने के लिए नगरपालिका के प्रधान रमेश सैनी, एसडीएम हर्षित कुमार महेंद्रगढ़ व वन विभाग के अधिकारियों को शहरवासियों ने मिलकर कई बार कुत्तें व बंदरों को पकड़वाकर कही बाहर अन्य जगहों पर छुडवाने का अनुरोध कर चुके है लेकिन न तो प्रशासन और न हो नगर पालिका के अधिकारी इस समस्या को लेकर गंभीर हैं। शहर के विभिन्न मोहल्ले में कुत्ते व बंदरों का आंतक बढ़ता जा रहा है। इस पर प्रशासन को ध्यान देना होगा।

लोगों की समस्याओं को देखते हुए प्रशासन ओर से उन्हें पकड़वाकर किसी दूसरे स्थान पर छोडा जाना चाहिए। जिससे शहरवासियों को राहत मिल सके। इस बात को लेकर शहर के लोगों लोगों को जागरूक होना होगा कि कुत्तें, बंदर सहित अन्य जानवरों के काटने पर अस्पताल में वैक्सीन लगवानी पड़ती है। साथ ही घर में पालतू कुत्तों को भी वैक्सीन करवानी चाहिए। महेंद्रगढ़ के नागरिक अस्पताल में वर्ष के 2023 में लगभग 1559 लोगों को कुत्तों एवं बंदरों ने काटकर घायल किया है। पिछले बारह माह के दौरान चूहे के काटने के 23, ऊंट के काटने के छः, भैंस के काटने के तीन केस, खरगोश के काटने के दो केस आए हैं। कुछ माह पहले कुत्ते के काटने के ईलाज के लिए वैक्सीन एआरवी 26 मई से लेकर 21 जून तक स्टॉक नहीं था। मरीजों को यह इंजेक्शन बाहर लाना पड़ा। जहां पर इंजेक्शन लगभग 300 रूपसे लेकर 350 रूपये तक मरीजों को मिल पाया।

अस्पताल के वरिष्ट चिकित्सक के मुताबिक बंदर के काटने से होने वाले घाव को लेकर घबराए नहीं, बल्कि अलर्ट जरूर हो जाएं। ऐसे घाव का इलाज भी कुते के काटने से बने घाव की तरह ही किया जाता है। साबुन और पानी से इस घाव को कुछ सेकेंड नहीं बल्कि 5-10 मिनट तक धोएं। इस पर डिटाल, बिटाडीन जैसे एंटीसेप्टिक लगाए। यहां पर यह जानना जरूरी है कि सिर्फ कुते के काटने से हो रेबीज होता है, बंदर के काटने से नहीं। यह बिल्कुल गलत भारणा है। इसके काटने से भी रेबोज हो सकता है, इसलिए धाव धोने के तुरंत बाद डाक्टर से संपर्क करें चौबीस घंटे में रेबीज का इंजेक्शन लगवाएं। इस समय अस्पताल में रैबीज की वैक्सीन उपलब्ध है।

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