Edited By vinod kumar, Updated: 30 Nov, 2019 02:25 PM
हरियाणा में कथित धान घोटाले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार कई जगह गड़बड़ी मिली है। अब विभाग ने सभी चावल मिलों की अलग-अलग फिजिकल वेरिफिकेशन जांच कर रिपोर्ट बनाने को कहा है।
डेस्क: हरियाणा में कथित धान घोटाले की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार कई जगह गड़बड़ी मिली है। अब विभाग ने सभी चावल मिलों की अलग-अलग फिजिकल वेरिफिकेशन जांच कर रिपोर्ट बनाने को कहा है। अब तक जो जांच हुई है, उसमें यह सामने आया है कि औसतन चावल मिलों की जांच की गई है, लेकिन अब हर चावल मिल की पूरी रिपोर्ट बनाने को कहा गया है।
इसके लिए करीब 18 टीमें गठित कर दी हैं, जो रिपोर्ट की सच्चाई को जानने के लिए रेंडम जांच करेंगी। सूत्रों का कहना है कि 5 से 7 फीसदी का फर्क सामने आया है, संभावना है कि 3 दिसंबर को डिप्टी सीएम के साथ होने वाली बैठक में रिपोर्ट पेश की जा सकती है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि जांच पूरी नहीं हुई है, सभी डीएफएससी को हर मिल की जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
प्रदेश में धान खरीद के कथित घोटाले का मुद्दा विपक्ष ने उठाया था। इसके बाद सीएम ने विधानसभा में इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला और पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की कमेटी बनाकर जांच करने को कहा था। जांच के बाद पूर्व सीएम हुड्डा ने कहा कि इस मामले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए।
156 टीमों ने की है प्रदेशभर में जांच
कथित धान घोटाले की जांच में प्रदेशभर में करीब 156 जांच टीमें इस काम में लगी थी। कई टीमों ने संबंधित डीसी को जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जबकि शेष जांच रिपोर्ट डीसी के जरिए सरकार को भेज देंगी। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार इस मामले में कार्रवाई करेगी।
27 नवंबर को सौंपनी थी फिजिकल वेरिफिकेशन की रिपोर्ट
धान घोटाले की जांच के लिए गठित की गई टीमों ने प्रमुख रुप से करनाल, कैथल, फतेहाबाद, कुरूक्षेत्र, अम्बाला, यमुनानगर सहित कई अन्य जिलों में जांच की है। जांच रिपोर्ट यूं तो 27 नवंबर तक फाइनल करने को कहा गया था, लेकिन अभी सभी जगह से रिपोर्ट नहीं आई है। जब धान खरीद की पूरी रिपोर्ट और हर चावल मिल की फिजिकल वेरिफिकेशन हो जाएगी, तब सरकार के समक्ष रिपोर्ट रखी जाएगी। इसके बाद ही सरकार कार्रवाई को अंजाम देगी।
प्रथम जांच में यह सामने आया था कि प्रदेश में धान खरीद अधिक हो चुकी है, जबकि चावल मिलों में इतना धान नहीं है। किसान मंडियों में धान लेकर आ रहे थे और रिकार्ड में कहीं अधिक धान पहुंच चुका था। धान की आवक और खरीद से संबंधित पूरे रिकार्ड को जांचने के लिए सरकार ने प्रदेश के करीब 1314 चावल मिलों की फिजिकल वेरिफिकेशन कराने का निर्णय लिया था।
अब तक 72.86 लाख टन धान की आवक
हरियाणा की मंडियों में अब तक 72.86 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की आवक हो चुकी है। सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा 64.02 लाख मीट्रिक टन से अधिक और मिलरों व डीलरों द्वारा 8.73 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी है। सबसे अधिक धान करनाल में 17.49 लाख टन, कुरुक्षेत्र में 11.42 लाख टन, अम्बाला में 8.82 लाख टन, फतेहाबाद में 8.34 लाख टन जबकि कैथल में 7.52, यमुनानगर में 7.28 लाख टन से अधिक धान की आवक हो चुकी है।