Edited By Manisha rana, Updated: 15 Jun, 2020 01:18 PM
कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर 80 दिन से शिक्षण संस्थान बंद है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरु की हुई ...
रानियां : कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर 80 दिन से शिक्षण संस्थान बंद है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरु की हुई है। शिक्षा की ये प्रणाली शारीरिक स्वास्थ्य के हिसाब से हानिकारक है। इससे मानसिक रुप से बच्चे परेशान भी रहते है। कई बच्चे आंखों में दुखन होने की शिकायत करने लगे है। कारण है कि लम्बे समय तक कम्प्यूटर, टी.वी. या मोबाइल पर समय देना पड़ता है। इससे घरों में रह रहे बच्चों का स्वभाव चिड़चिड़ा होने लगा है। बहुत से पढ़ने के नाम पर मोबाइल पर गेम खेलने के आदी हो रहे है। बच्चों का व्यवहार सही रहे, इसके लिए और विकल्प तलाश करने की जरुरत आन पड़ी है।
बता दें कि इन दिनों लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन की बच्चों को पढ़ाने व काम देने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए व्हाटसअप ग्रुप बनाए हुए है। ग्रुप में ही लिखित फोटो, आडियो, वीडियो आदि से संबंधित पठन सामग्री छात्रों तक पहुंचा रहे है। इसका सबसे बड़ा नुकसान उन छात्रों को हो रहा है जो मोबाइल के माध्यम से अपना काम कर रहे है। मोबाइल के लगातार प्रयोग से आंखों में जलन की समस्या भी हो रही है। होमवर्क के नाम पर बच्चों को स्मार्टफोन मिल जाता है। बच्चे काम करने के साथ गेम खेलने लग जाते है। जब मोबाइल के प्रयोग से रोका जाता है तो बच्चे गुस्सा हो जाते है। गुस्से के साथ चिड़चिडे से होने लगे है। इनको केवल मोबाइल की जरुरत है। ऐसा इनके व्यवहार से इन दिनों लग रहा है।
ये करें अभिभावक
विशेषज्ञों की अभिभावकों को सलाह है कि वे बच्चों के साथ बैठकर उन्हें होमवर्क कराएं। बच्चों को ज्यादा देर तक अकेले मोबाइल का प्रयोग न करने दें। जरुरत हो तो अभिभावक स्वयं मोबाइल से पठन सामग्री देखकर बच्चों को करा सकते है।