कांग्रेस के रूठों को मनाने के लिएं मैदान में उतरेंगे ऑब्जर्वर:प्रताप बाजवा

Edited By Isha, Updated: 18 Sep, 2024 03:52 PM

observer will enter the field to pacify the angry congress leaders

हरियाणा के विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही प्रत्याशियों को उनके चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिए गए हैं। आज राजनीतिक दलों की ओर से अपने-अपने घोषणा पत्र को जनता के सामने रखे जाने की कवायद शुरू की जा रही है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के विधानसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही प्रत्याशियों को उनके चुनाव चिन्ह भी आवंटित कर दिए गए हैं। आज राजनीतिक दलों की ओर से अपने-अपने घोषणा पत्र को जनता के सामने रखे जाने की कवायद शुरू की जा रही है।

सबसे पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र की सात गारंटी जनता के सामने रखी है। अब बीजेपी और अन्य राजनीतिक दल भी अपने-अपने घोषणा पत्र जनता के सामने रखेंगे। ऐसे में जहां सबकी नजरें राजनीतिक दलों की ओर से जारी किए जाने वाले घोषणा पत्रों पर है।

वहीं, बीजेपी और कांग्रेस की ओर से अपने रुठे नेताओं को मनाने की योजना पर भी काम किया जा रहा है। टिकट नहीं मिलने के कारण इन दोनों दलों में ही सबसे अधिक बगावत कर नेता या तो आजाद प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे या फिर चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने की बजाए शांत होकर घर बैठ गए हैं। ऐसे में अब दोनों ही दल नाराज होकर अपने घर बैठ चुके नेताओं को मनाने की जुगत में जुट गए हैं। कांग्रेस की ओर से इसे लेकर रणनीति भी तैयार कर ली गई है।

‘कांग्रेस का एक’, ‘BJP के 20 प्रतिशत नेता बागी’
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किए गए पंजाब कांग्रेस के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने माना कि कुछ नेता पार्टी से नाराज है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस में एक प्रतिशत नेता बागी है तो बीजेपी में 20 फीसदी नेता बागी है। बाजवा ने कहा कि कांग्रेस की लीडरशीप एक है, जबकि बीजेपी की लीडरशीप में भी बगावत है। बागी नेताओं को लेकर उन्होंने हा कि इसके लिए योजना बनाई जा रही है। वह हर नेता के पास जाएंगे, जो घर बैठे हैं। उन्हें भी साथ जोड़ने का काम करेंगे। 

इन स्थानों से होगा चुनाव ऑपरेट
प्रताप बाजवा ने बताया कि पार्टी की ओर से हरियाणा के विधानसभा चुनाव के लिए नियुक्त किए गए सभी तीनो ऑब्जर्वर दो दिन के लिए चंडीगढ़ बैठेंगे। इसके बाद हरियाणा के एक हिस्से को दिल्ली, एक हिस्से को करनाल, एक हिस्से को चंडीगढ़ और एक हिस्से को सिरसा से ऑपरेट किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि पंजाब के साथ लगते हरियाणा की विधानसभाओं में उनकी ड्यूटी लगाई जा सकती है, जबकि मध्य हरियाणा में अजय माकन और राजस्थान के साथ लगते हरियाणा के हिस्से में अशोक गहलोत को पार्टी की ओर से जिम्मेदारी दी जा सकती है। 

कांग्रेस और बीजेपी में होगा मुकाबला
कांग्रेस ऑब्जर्वर प्रताप सिंह बाजवा ने दावा किया कि हरियाणा की 60 प्रतिशत विधानसभा गांवों में है, जहां पर बीजेपी की एंट्री बैन हैं। शहरों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। कोई और दल मुकाबले में नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी के 10 साल के शासन की सत्ता विरोधी लहर के अलावा पार्टी में भी दो फाड़ हो चुके हैं।

उनके बड़े नेता ही एक-दूसरे को हराने के चक्कर में हैं। बाजवा ने दावा किया कि इस चुनाव में बीजेपी 15 से 20, अन्य सभी दल 4 से 5 और कांग्रेस 60 से 65 सीट पर जीत हासिल कर सकती है। उन्होंने कहा कि वह हिमाचल से भी ज्यादा मतों के अंतर से हरियाणा में कांग्रेस प्रत्याशियों को जीत दिलवाने का काम करेंगे और पंजाब में 2027 के चुनाव में भी इसका असर देखने को मिलेगा।

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!