राफेल घोटाले की जेपीसी जांच के लिए NSUI ने शुरू किया हस्ताक्षर अभियान

Edited By Shivam, Updated: 02 Jan, 2019 06:50 PM

nsui initiates signature campaign for jpc probe of raphale scam

मोदी सरकार राफेल घोटाले के चलते विवादों में घिरी हुई है, जिसे लेकर आए दिन विपक्ष द्वारा तथ्यों के आधार पर मोदी सरकार से राफेल सौदे में हुए घोटाले को लेकर सवाल किए जाते हैं। इसी कड़ी में एनएसयूआई हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा...

पंचकूला(उमंग): मोदी सरकार राफेल घोटाले के चलते विवादों में घिरी हुई है, जिसे लेकर आए दिन विपक्ष द्वारा तथ्यों के आधार पर मोदी सरकार से राफेल सौदे में हुए घोटाले को लेकर सवाल किए जाते हैं। इसी कड़ी में एनएसयूआई हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा के नेतृत्व में प्रदेशभर से 1 लाख से ज्यादा हस्ताक्षर, राफेल घोटाले की जेपीसी के द्वारा जांच के समर्थन में कांग्रेस हाईकमान को भेजेगी, जिसमें प्रदेश के 22 जिलों से प्रत्येक जिले को 5 हजार हस्ताक्षर करवाने का जिम्मा सौंपा गया है।

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माजरी चौक ,पंचकूला पर दिव्यांशु बुद्धिराजा के नेतृत्व में सैकड़ो की तादाद में युवाओं ने एकत्रित होकर राफेल घोटाले की जेपीसी जांच के लिए हस्ताक्षर अभियान के तहत स्थानीय युवाओं,छात्रों,महिलाओं व बुुजुर्गों से हस्ताक्षर करवाकर राफेल घोटाले के बारे विस्तृत रूप से बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय में राफेल डील में 126 विमान प्रत्येक 525 करोड़ में खरीदे जाने के लिए करार हुए थे, परन्तु उसे भाजपा सरकार ने 126 विमान से घटाकर 36 कर दिए वह भी प्रत्येक 1600 करोड़ की लागत से, इससे स्पष्ट है कि राफेल डील में घोटाला बड़े स्तर पर हुआ है।

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अभियान के दौरान बुद्धिराजा समेत एनएसयूआई नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा, "राफेल सौदे का मामला अनुच्छेद 132 और 32 से जुड़ा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट विमान के मूल्य और सौदे की प्रकिया से जुड़ी संवेदनशील रक्षा अनुबंध पर फैसला नहीं दे सकता। इस मामले की सिर्फ जेपीसी से जांच कराई जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने उस बात पर मुहर लगा दी, जो कांग्रेस पार्टी कई महीनों से कहती आ रही थी। कांग्रेस पहले से कह रही थी कि इस तरह के संवेदनशील रक्षा मामलों पर फैसला लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट मंच नहीं है।

जेपीसी का फुल फॉर्म 'ज्‍वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी' होता है।ज्‍वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी संसद की वह समिति जिसमें सभी दलों को समान भागीदारी हो। जेपीसी को यह अधिकार है कि वह किसी भी व्‍यक्ति, संस्‍था या किसी भी उस पक्ष को बुला सकती है, जिसको ले‍कर जेपीसी का गठन हुआ है। साथ ही जिस किसी भी व्यक्ति को जेपीसी बुलाती है, अगर वह आता नहीं तो इसे सदन की अवमानना माना जाता है। जेपीसी को यह अधिकार होता है कि वह जिस व्यक्ति या संस्था के खिलाफ जांच चल रही है उससे लिखित या मौखिक जवाब मांग सकती है।

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