अब विधानसभा स्तर पर दलितों को अधिकारों के प्रति जागरूक करेगा ये ट्रस्ट,  दलित संगठनों को एकजुट करने की तैयारी

Edited By Isha, Updated: 30 Nov, 2025 06:28 PM

now this trust will make dalits aware of their rights at the assembly level

हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान जन चेतना ट्रस्ट ने दलितों के अधिकारों की आवाज बुलंद करने का नया रोडमैप तैयार किया है। अब जिला स्तर के बाद विधानसभा स्तर पर दलितों को उनके हकों के प्रति जागरूक

चंडीगढ(चन्द्र शेखर धरणी ): हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान जन चेतना ट्रस्ट ने दलितों के अधिकारों की आवाज बुलंद करने का नया रोडमैप तैयार किया है। अब जिला स्तर के बाद विधानसभा स्तर पर दलितों को उनके हकों के प्रति जागरूक करने की मुहिम शुरू की गई है। टोहाना के बाद रविवार को झज्जर में विधानसभा स्तर पर हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के मुख्य मीडिया सलाहकार एवं जन चेतना ट्रस्ट के अध्यक्ष सुदेश कटारिया ने की। समारोह में पहुंचने पर सुदेश कटारिया का उपस्थित जनसमूह ने फूल-मालाओं के साथ भव्य स्वागत किया। झज्जर कमेटी की ओर से उन्हें स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। 

हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान जनचेतना ट्रस्ट के अध्यक्ष सुदेश कटारिया ने कहा कि प्रदेश में दलित समाज के अधिकारों, सम्मान और राजनीतिक प्रतिनिधित्व को मजबूती देने के उद्देश्य से चलाए जा रहे हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अभियान को नई गति मिली है। पिछले दिनों संगठन सृजन अभियान के तहत जिला कार्यकारिणी गठित की गई, जिसमें जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की गई। जिला स्तर पर अभियान के बाद विधानसभा स्तर पर अभियान को शुरू करने का फैसला लिया गया था। इसी कड़ी में झज्जर में हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान समारोह आयोजित किया गया है।  उन्होंने कहा कि समारोह का उद्देश्य दलित समाज के लिए संविधान निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा दलित, वंचित और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को बराबरी देने का जो सपना देखा  था, उसके प्रति जागरूक करना है।  

उन्होंने कहा कि संविधान ने समाज के सभी वर्गों को बराबरी और एकजुटता का मार्ग दिया है। इसी भावना को आगे बढ़ाते हुए जन चेतना ट्रस्ट दलित समाज की आवाज़ को एक मंच पर लाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान-हमारा स्वाभिमान अब केवल एक विचार नहीं बल्कि एक आंदोलन का स्वरूप ले चुकी है, और यह कारवां आगे बढ़ता रहेगा।

 सुदेश कटारिया ने आरोप लगाया कि 1966 में हरियाणा राज्य के गठन के बाद से कई सरकारें आईं, कई मुख्यमंत्री बने, लेकिन किसी ने दलित समाज की वास्तविक चिंता नहीं की। उन्होंने कहा कि वर्षों तक दलित समाज की आवाज़ को दबाया गया और उनके विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। मगर जब वर्ष 2014 में प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर मनोहर लाल ने संभाली तो उन्होंने न केवल अंत्योदय उत्थान के तहत दलितों को नया सम्मान दिया, बल्कि नौकरियों में पर्ची व खर्ची को बंद कर मिशन मेरिट शुरू की, जिससे दलित वर्ग के युवाओं को सबसे ज्यादा लाभ मिला। इसके साथ ही उन्होंने पदोन्नति में आरक्षण, एससी कमीशन और सफाई आयोग का गठन किया।   

 सुदेश कटारिया ने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान दलितों पर हुए अत्याचारों का जिक्र करते हुए बताया कि हर 18 मिनट में देश में किसी दलित का उत्पीड़न होता है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान हरियाणा में दलित सुरक्षित नहीं थे और बड़े नेता तक सामाजिक न्याय दिलाने में असफल रहे। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा हरियाणा एससी कमीशन की स्थापना करने के बाद दलितों की आवाज़ बुलंद करने का मजबूत मंच मिला है।
 

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