Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 15 Feb, 2024 04:29 PM
दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लापरवाही बरतने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पर 45 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना चेयरमैन को अगले तीन महीने में जमा कराना होगा।
गुड़गांव, (ब्यूरो): दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस-वे के निर्माण में लापरवाही बरतने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) पर 45 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना चेयरमैन को अगले तीन महीने में जमा कराना होगा। इस जुर्माना राशि का उपयोग कमेटी के माध्यम से गांवों के विकास और पर्यावरण सुधार के लिए किया जाएगा। अगर इस जुर्माने की राशि का एनएचएआई द्वारा भुगतान नहीं किया जाता है तो एनएचएआई द्वारा किए गए निर्माण को तोड़ दिया जाएगा। इस बारे में एनजीटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और हरियाणा सरकार को जारी किए हैं।
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जानकारी के मुताबिक, नवंबर 2022 में सोहना के रहने वाले प्रेम मोहन गौड़ ने एनजीटी में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने एनजीटी को बताया था कि एनएचएआई ने दिल्ली वडोदरा एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया है। एक्सप्रेसवे को कुंडली मानेसर पलवल (केएमपी) से जोड़ने के लिए लिंक रोड बनाई गई थी। इस रोड को बनाने के दौरान गुड़गांव के सोहना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव हाजीपुर, नूंह के गांव किरंज तथा पलवल के साढ़े तीन किलोमीटर के एक हिस्से में पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि गांव किरंज में हरियाणा वेस्ट वाटर मैनेजमेंट अथाेरिटी की तरफ से करीब दो एकड़ के एक जोहड़ को संरक्षित किया गया था, लेकिन एनएचएआई ने सड़क निर्माण के दौरान इस जोहड़ का एक हिस्सा भर दिया जोकि नियमों के विरुद्ध है। इसके अलावा गुड़गांव कैनाल से लगते नाले को तोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि इन नालों के जरिए नूंह के ग्रामीण अपने खेतों में सिंचाई करते थे। वहीं, बरसात के दौरान कैनाल में अत्याधिक पानी होने के कारण इन्हीं नालों के जरिए ही गांव को बाढ़ से बचाया जाता था, लेकिन इस पर एनएचएआई ने बिना अनुमति लिए सड़क बना दी।
हाजीपुर की गौचर जमीन पर भी अतिक्रमण कर सड़क बना दी है। गांव हाजीपुर में 263 पेड़ों को काटा गया है जबकि किरंज में 100 पेड़ों को काट दिया गया है। इन पेड़ों को काटने से पहले कोई अनुमति नहीं ली है। इसके अलावा पलवल रोड पर सड़क किनारे लगे पेड़ों को काट दिया गया। कई पंचायती रास्तों को यह कहकर बंद कर दिया गया कि उन्हें बाद में वह एक्सप्रेसवे से जोड़ेंगे, लेकिन इन्हें नहीं जोड़ा गया। इसके अलावा भी कई अन्य खामियाें की जानकारी एनजीटी को दी गई जिस पर सुनवाई करते हुए नवंबर 2023 में एनजीटी ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था।
मामले में सुनवाई करते हुए अब एनजीटी ने एनएचएआई पर 45 करोड़ का जुर्माना लगया है। इस जुर्माने की राशि को प्राप्त करने के बाद एक समिति बनाई जाएगी जिसमें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग हरियाणा, जिला उपायुक्त गुड़गांव व नूंह सहित हरियाणा वेस्ट वाटर मैनेजमेंट प्राधिकरण के अधिकारी शामिल होंगे जोकि अगले तीन महीने में पर्यावरण संरक्षण एवं जीर्णोद्धार की योजना तैयार कर उसके अगले छह महीने में इसे धरातल पर लागू कर एनजीटी में रिपोर्ट दाखिल करेंगे।