हरियाणा में जरूरतमंदों के सिर पर जल्द होगी छत, सरकार ने तैयार किया फ्रेमवर्क

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 15 Dec, 2022 04:34 PM

needy will soon have a roof over their heads in haryana

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जल्द से जल्द घर बनाकर देने के लिए जोरो शोरों से काम किया जा रहा है।

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में जरूरतमंदों के सिर पर छत मुहैया करवाने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप हाउसिंग फॉर ऑल विभाग द्वारा एक मजबूत फ्रेमवर्क तैयार किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पात्र लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जल्द से जल्द घर बनाकर देने के लिए जोरो शोरों से काम किया जा रहा है। इतना ही नहीं, इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट घटक के तहत गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला या अन्य जिलों में भी स्लम एरिया को चिह्नित कर एक योजना तैयार की जाएगी और इस प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी के लिए शीघ्र-अतिशीघ्र केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

 

मुख्य सचिव संजीव कौशल ने यह जानकारी गुरुवार को हाउसिंग फॉर ऑल विभाग की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान दी। कौशल ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को घर प्रदान करने की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) घटक के तहत गत वर्षों में हुए सर्वे में कुछ गलतियां पाई गई। हरियाणा सरकार ने वास्तविक पात्र लाभार्थियों की पहचान करने के लिए परिवार पहचान पत्र में दर्ज डाटा के आधार पर सर्वे करवाया है। इसलिए इस सर्वे के परिणामस्वरू प्राप्त आंकड़ों के आधार पर बीएलसी घटक में नये लाभार्थी जोड़ने के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा जाएगा।

 

निकायों में मकानों की प्रगति की समीक्षा के लिए हर माह की जाए बैठक

 

कौशल ने सख्त रूख अपनाते हुए शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निकायों में वर्तमान में जो मकान निर्माणाधीन है, उनके कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि जल्द से जल्द मकान बनाकर लाभार्थियों को दिए जा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि बीएलसी घटक के तहत मकानों के निर्माण के लिए दी जाने वाली सब्सिडी के वितरण प्रक्रिया को भी सुदृढ़ किया जाए। एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए और उसकी जिम्मेवारी तय ‌की जाए। कौशल ने निर्देश दिए कि सभी स्‍थानीय निकायों में मकानों के निर्माण की प्रगति की समीक्षा करने के लिए सभी निकायों की मासिक बैठक की जाए। विकास एवं पंचायत विभाग तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रशासनिक सचिव संयुक्त रूप से निकायों की बैठक लें और पीएमएवाई-अर्बन के तहत बनाये जा रहे मकानों के निर्माण की समीक्षा करें।

 

मकानों के निर्माण के लिए लाभार्थियों को दी गई 462 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता

 

बैठक में बताया गया कि वर्ष 2017 में घरों की मांग के आंकलन के लिए सर्वे करवाया गया था, जिसमें 2,48,657 आवेदनों को पात्र पाया गया था। इनमें से पीएमएवाई-अर्बन के तहत 1,18,016 घरों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया। बीएलसी घटक के तहत, 12,238 घर बनाये जा चुके हैं तथा 15,930 घर निर्माणाधीन हैं। इस दौरान लाभार्थियों को घरों के निर्माण के लिए 462.24 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा, क्रेडिट लिंक सब्सिडी योजना के तहत 39,267 लाभार्थियों को 7702 करोड़ रुपये से अधिक के होल लोन मंजूर किये गए और 854.32 करोड़ रुपये की ब्याज सब्सिडी प्रदान की गई।

 

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