नहीं मिला रोजगार तो हालात ने बना दिया सिक्योरिटी गार्ड, कुछ ऐसी है 35 मेडल जीतने वाले नेशनल थ्रो बॉल प्लेयर सोहन की कहानी

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 18 Feb, 2023 08:56 PM

national throw ball player sohan is doing job of security guard

एकता कॉलोनी पानीपत का रहने वाले सोहन थ्रो बॉल का नेशनल प्लेयर है। जूनियर नेशनल में सोहन ने अपनी टीम को जिता कर गोल्ड मेडल भी हासिल किया है...

पानीपत (सचिन शर्मा) : देश ही नहीं विदेशों में भी हरियाणा की पहचान यहां के खिलाड़ियों से है। यहां के खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करने की चाहत रखते हैं। यहां के खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा को कई बार साबित भी किया है, लेकिन खिलाड़ी कई ऐसे भी हैं जो प्रतिभाशाली होने के बावजूद गरीबी और संसाधनों की कमी के कारण पिछड़ रहे हैं। गरीबी के कारण उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का उचित अवसर नहीं मिल पाता। कुछ ऐसी ही कहानी है पानीपत के सोहन की जिन्होंने नेशनल स्तर पर गोल्ड मेडल सहित करीब 35 मेडल जीते हैं। लेकिन गरीबी के कारण वे सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने के साथ अपने सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद में जुटे हैं।

एकता कॉलोनी पानीपत का रहने वाले सोहन थ्रो बॉल का नेशनल प्लेयर हैं। जूनियर नेशनल में सोहन ने अपनी टीम को जिता कर गोल्ड मेडल भी हासिल किया है। राज्य स्तरीय कई मेडल इस खिलाड़ी ने जीते हैं। लेकिन आज तक इस युवक को सरकार द्वारा कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई। 2015 में सोहन को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी गई थी, लेकिन आज अनदेखी और गरीबी के कारण वह दिन-रात मेहनत कर रहा है। रात में सोहन सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता है। इसकी कमाई से ही वह पढ़ाई, खेल और परिवार का खर्च निकाल पाता है। इस दौरान पानीपत के थ्रो बॉल खिलाड़ी सोहन की कई बार उनके कोच ने आर्थिक मदद भी की है। 2019 में पिता का साया सिर से उठने के बाद चार बहन भाइयों में तीसरे नंबर पर आने वाला सोहन खेल और पढ़ाई से दूर हो गया था।

अब सोहन ने एकबार फिर अपने करियर को बनाने के लिए खेलना शुरू किया है। नेशनल स्तर पर गोल्ड मेडल सहित 35 मेडल जीतने वाला सोहन गरीबी के कारण संघर्ष कर रहा है। सोहन रात को सिक्योरिटी गार्ड, दिन में एक स्टूडेंट और शाम को एक खिलाड़ी के रूप में दिखाई देते हैं। सरकार की अनदेखी के कारण यह खिलाड़ी जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर दर्जनों मेडल और सर्टिफिकेट हासिल करने के बावजूद भी दर-दर भटक रहा है। सोहन ने कई बार स्पोर्ट्स कोटे के तहत सरकारी नौकरी के लिए प्रयास किए लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। 

सोहन की मां का कहना है कि वह मेहनत मजदूरी कर सोहन की पढ़ाई और खेल का खर्चा निकालती थी। सोहन से यह देखा नहीं गया और वह खुद भी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगा है। परिवार के साथ किराए पर रहने वाले सोहन का कहना है कि उसका सपना बड़े स्तर का खिलाड़ी बनना है लेकिन गरीबी और संसाधनों की कमी के कारण उनका संघर्ष खत्म नहीं हो रहा है। कई बार कोशिश करने के बावजूद न तो उसे नौकरी मिली और न ही प्रदेश सरकार की तरफ से कोई आर्थिक मदद दी गई। सोहन का लक्ष्य अपने माता पिता के सपनो को पूरा करना है।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!