Edited By Ajay Kumar Sharma, Updated: 08 Jun, 2023 11:30 PM

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि केन्द्र सरकार के 9 वर्षों को किसान विरोधी और क्रूरता से भरे कार्यकाल के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय महासचिव एवं कर्नाटक के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि केन्द्र सरकार के 9 वर्षों को किसान विरोधी और क्रूरता से भरे कार्यकाल के रूप में हमेशा याद किया जाएगा। केन्द्र सरकार ने बुधवार देर शाम शेखी बगारते हुए खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा तो कर दी लेकिन कड़वी सच्चाई यह है कि किसानों की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी ही नहीं जाती। वीरवार को जारी वक्तव्य में सुरजेवाला ने मोदी सरकार की हर नीति को किसान विरोध बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार में एम.एस.पी. के अब कोई मायने नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा कि आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं कि फसल उपज व फसल खरीद के तथ्य केन्द्र सरकार की किसान विरोधी नीति को उजागर करते हैं।
इस साल मात्र 651 लाख टन धान की ही खरीद की गई: सुरजेवाला
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में देश में 1302 लाख टन धान का उत्पादन हुआ, जिसमें से केवल 651 लाख टन धान की खरीद ही एमएसपी पर की गई। इसी प्रकार 1068 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ जिसमें से 187 लाख टन गेहूं को ही एम.एस.पी. पर खरीदा गया। सुर्जेवाला ने कहा कि भाजपा किसानों से दो बड़े वादे कर सत्ता में आई थी। भाजपा का पहला वादा था कि किसान को एम.एस.पी. पर लागत के साथ 50 प्रतिशत मुनाफा निर्धारित करना। दूसरा वादा था कि इस एम.एस.पी. निर्धारण के फार्मूले से साल 2022 तक देश के 62 करोड़ किसानों की आय को दोगुनी करना। दोनों वादे सफेद झूठ साबित हुए। खरीफ की फसलों पर एम.एस.पी. निर्धारित करते हुए केन्द्र सरकार ने न तो भाजपा शासित प्रदेशों की सिफारिश मानी और न ही लागत से 50 प्रतिशत मुनाफा के आधार पर किसानों को एम.एस.पी. दी। सच्चाई यह है कि भाजपा जनतंत्र देश के किसान का जानलेवा तंत्र बन गया है। सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस सरकार ने खेती का बजट काट दिया और जो बजट दिया उसे भी खेती पर खर्च नहीं किया गया। 2020-21 में देश में कृषि विभाग का बजट कुल केंद्रीय बजट का 4.41 प्रतिशत था। 2023-24 के बजट में कृषि का बजट कुल देश का बजट का 2.57 प्रतिशत रह गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले चार वर्ष में केंद्र सरकार ने कृषि विभाग के बजट से करीब 80 हजार करोड़ खर्च ही नहीं किया। एक तरफ तो मोदी सरकार ने पिछले 9 वर्षों में खेती की लागत 25 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर बढ़ा दी तो दूसरी तरह किसानों को प्रति वर्ष 6 हजार देने का सवांग रचा। सुर्जेवाला ने कहा कि 3 साल पहले मोदी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए एक लाख करोड़ रुपए का कृषि आधारभूत फंड बनाया। आज तीन साल बीत जाने के बाद भी इसमें मात्र 12 हजार करोड़ रुपए का कर्ज किसानों को दिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि कड़वा सत्य यह है कि मोदी सरकार द्वारा जारी एन.एस.एस.ओ. की रिपोर्ट के मुताबिक देश की किसान की प्रतिदिन आमदनी महज 27 रुपए है और औसतन कर्ज 74 हजार रुपए है। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री देश के सामने आकर 62 करोड़ किसानों के सवालों का जवाब दें।
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