हरियाणा में BJP के "Star Campaigner" के रूप में उभरे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल , चुनावी पिच को किया और मजबूत

Edited By Isha, Updated: 15 May, 2024 04:42 PM

manohar lal emerged as bjp s star campaigner in haryana

हरियाणा लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में उभरे मनोहर लाल ने जिस प्रकार से चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में ली वह अपने आप में एक उदाहरण है। चुनाव की घोषणा से लेकर अब तक भाजपा हरियाणा के

चंडीगढ़  (चंद्र शेखर धरणी):  हरियाणा लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा के स्टार प्रचारक के रूप में उभरे मनोहर लाल ने जिस प्रकार से चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथ में ली वह अपने आप में एक उदाहरण है। चुनाव की घोषणा से लेकर अब तक भाजपा हरियाणा के सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में विजय संकल्प रैली कर चुकी है। इनमें से ज्यादातर विधानसभा क्षेत्र में खुद मनोहर लाल ने विजय संकल्प रैली को संबोधित किया है।

आधा दर्जन से ज्यादा उन्होंने रोड शो किए हैं, जिनमें एक दिन में उन्होंने 30 से 40 गांवों के लोगों के साथ सीधा संपर्क साधा है और उनके साथ जनसंवाद किया है। यहां यह कहना गलत नहीं होगा की करीब डेढ़ महीने में मनोहर लाल ने हरियाणा के 5 लाख से ज्यादा लोगों के साथ भाजपा के "स्टार कैंपेनर" के रूप में संवाद करने का काम किया है। इस दौरान आखिरी सप्ताह में उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं रहने के बावजूद उन्होंने अपने कार्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं किया और न ही कोई कार्यक्रम रद्द किया।

इस दौरान मनोहर लाल ने भाजपा संगठनात्मक बैठकें कर कार्यकर्ताओं को चार्ज भी किया। कुल मिलाकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा भाजपा को प्रचार के स्तर पर "धार" देने के साथ-साथ संगठन को भी पूरी तरह से चुनाव प्रचार में लगाने का काम किया है। विदित रहे कि 26 अक्टूबर 2014 को जब मनोहर लाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी पारी शुरू की तो विपक्ष ने कहा था कि वह अनुभवहीन है और उनकी सरकार जल्दी ही चली जाएगी। केवल 47 विधायकों के सहारे अपना 5 वर्ष का कार्यकाल न केवल उन्होंने पूरा किया, अपितु उसके बाद विधानसभा चुनावों में भी वह भाजपा को सबसे बड़े एकल दल के रूप में लाने में सफल रहे।

यहां उन्होंने 2019 में गठबंधन की सरकार चलाने का काम किया। लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले गठबंधन को तोड़कर भाजपा अपने बलबूते सरकार चलाने का काम अब कर रही है। अपने साढ़े 9 साल के शासनकाल में उन्होंने व्यवस्था परिवर्तन की जो अलख हरियाणा में जगाई है, अब किसी भी शासक के लिए उसे बुझा पाना आसान नहीं होगा। 

प्रदेश भर में कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर उन्हें जीत का मंत्र दिया 
विजय संकल्प रैलियों और रोड शो से अलग उन्होंने अनेक स्थानों पर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उन्हें जीत का मंत्र देने का भी काम किया। जब भाजपा ने बूथ स्तर पर कार्यक्रम के माध्यम से हर घर तक पहुंचने का प्रोग्राम बनाया तो 11 और 12 मई को मनोहर लाल ने भी घर-घर जाकर लोगों से सीधा संपर्क स्थापित किया। 

सफल संकल्प रैलियों में मनोहर सरकार की नीतियों का असर लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा 
जिस प्रकार से 11 मार्च को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई और 12 मई को सुबह उन्होंने इस्तीफा देकर नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में प्रदेश में सरकार का गठन करवाया उस घटना ने मनोहर लाल को इस चुनाव प्रचार अभियान के दौरान सफेद वस्त्रों में संत और ऋषि तुल्य होने की उपाधि दी।

भले ही बहुत से गांवों में एक वर्ग विशेष के कुछ लोगों द्वारा भाजपा के उम्मीदवारों का विरोध किया गया हो लेकिन इस वर्ग के बुद्धिजीवी इस बात को मानते हैं की मनोहर लाल के सरकार में आने के बाद जिस प्रकार से हरियाणा में नौकरियां बिना खर्ची बिना पर्ची के दी गई है उससे इस वर्ग को बहुत लाभ हुआ है।

पहले इस वर्ग के लोगों को नौकरी के लिए अपनी जमीन बेचनी पड़ती है लेकिन अब न तो चक्कर काटने पड़े और न ही जमीन का सौदा करना पड़ा। बिना खर्ची बिना पर्ची नौकरी का कितना असर है इस बात का उदाहरण पूर्व मुख्यमंत्री ने देते हुए बताया कि समालखा विधानसभा क्षेत्र में एक परिवार के चार बच्चे नौकरी लग गए उनमें से एक राजेश नामक युवक नायब तहसीलदार लगा। उसने आकर कहा कि उनके परिवार को चार नौकरियों की जरूरत नहीं थी। वह नायब तहसीलदार नौकरी छोड़कर पूर्व मुख्यमंत्री के साथ काम करने की बात कहने लगा। तुरंत मिली हुई नौकरी छोड़ने की पेशकश करने का इससे बड़ा उदाहरण नहीं हो सकता। 

सरकार की मनोहर नीतियों का व्यापक असर 
जब मनोहर लाल ने सत्ता संभाली तो हरियाणा में बुजुर्गों की पेंशन 1000 रुपए थी। वह 1000 रुपए बुजुर्ग व्यक्ति को लाइन में लगकर सारा दिन धक्के खाने के बाद मिलते थे, लेकिन मनोहर लाल की सरकार ने इस पेंशन को सीधे लाभार्थी के खाते में डालने का काम किया और साथ ही इसे बढ़ाकर 3000 रुपए तक ले गए। केंद्र सरकार ने आयुष्मान कार्ड जारी किया तो इस तर्ज पर हरियाणा सरकार ने भी चिरायु कार्ड बनाने का काम किया। कृषि प्रधान प्रदेश हरियाणा में 24 घंटे बिजली पिछले 40 सालों से एक बड़ा मुद्दा रही है।

26 अक्टूबर 2014 को हरियाणा में 24 घंटे बिजली प्राप्त करने वाले गांव की संख्या 500 भी नहीं थी। हरियाणा में कुल गांवों की संख्या 6841 है। आज 6000 से ज्यादा गांव में 24 घंटे बिजली दी जा रही है। जिन लोगों को विरोध करना है वह तो अलग बात है लेकिन हकीकत यह है कि लोग यह भी मानते हैं कि जिस प्रकार से उनकी समस्याओं को भाजपा और मनोहर लाल ने समझा है आज तक किसी दूसरी पार्टी और दूसरे नेता ने नहीं समझा। बिना खर्ची बिना पर्ची नौकरी और 24 घंटे बिजली देने से अलग उन्होंने सर्दियों के मौसम में रात को ट्यूबवैल के लिए बिजली देने को गलत मानते हुए कहा कि यह किसान के साथ अन्याय है।

ठिठुरा देने वाली ठंड और ऊपर से खेत में पानी देना निश्चित तौर पर किसान के लिए यह किसी सजा से काम नहीं है। उन्होंने ट्यूबवैल के लिए बिजली दिन में देने की घोषणा की ताकि किसान आराम से पानी दे सके। ऐसा नहीं है कि सर्दी पहली बार पड़ी थी, लेकिन किसी ने उनकी इस समस्या की तरफ ध्यान नहीं दिया। किसानों को फसलों के खराब होने पर मुआवजे के रूप में किस प्रकार 2 रुपए से 5 रुपए के चेक आते थे, वह भी किसी से छिपा नहीं है। इन 10 सालों में सरकार ने पिछले 10 सालों की तुलना में 12 गुना ज्यादा मुआवजा देने का काम किया है। इस दौरान किसानों को अपमानित करने वाली राशि के चेक भी नहीं दिए गए। पैसा सीधा किसान के खाते में गया था कि पैसा बांटने वाले लोग उनके हिस्से का पैसा खा नहीं सकें।

यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि मनोहर लाल ने आगे बढ़कर भाजपा प्रत्याशियों की चुनावी जमीन को जोतना और उसमें खाद पानी देने का काम पिछले डेढ़ महीने में किया है। अगर किसी भी नजरिए से कोई भाजपा उम्मीदवार कहीं कमजोर नजर आता था तो उसकी कमजोरी को दूर करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री ने सक्रिय होकर काम किया और उस कमजोरी को दूर करने का काम किया। 

 
सभी 10 सीटों पर होगी कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों की करारी हार 
सभी विधानसभा में रैलियों का चक्र पूरा होने के बाद अब केंद्रीय स्तर के नेताओं की रैलियां होंगी। भाजपा की विजय संकल्प रैली सभी विधानसभाओं में पूरी तरह सफल रही है। रैलियों में जनता का हुजूम उमड़ा है। वहीं दूसरी और कांग्रेस के पास हरियाणा में उम्मीदवार के साथ चलने वाले कार्यकर्ताओं के भी लाले पड़े हैं। जनता का मिजाज बताता है कि हरियाणा की सभी दस लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और उसके घटकों की करारी हार होने वाली है।
मनोहर लाल, पूर्व सीएम हरियाणा

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!