महज छह सौ रुपये में खरीदा साढ़े 4 करोड़ रुपये का प्लॉट -छह बार में पेमेंट कर पजेशन भी लिया

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 11 Mar, 2023 08:57 PM

man buy crores rupee plot in six hundred in gurgaon

साईबर सिटी गुडग़ांव में साढ़े 4 करोड़ रुपये का प्लॉट ई-ऑक्शन के जरिए महज 6 सौ रुपये में खरीदे जाने का मामला सामने आया है। पांच सौ गज के प्लॉट के लिए छह बार में सौ-सौ रुपये की पेमेंट की और 4 करोड़ 40 लाख रुपए का रेजिडेंशियल प्लॉट खरीद लिया।

गुड़गांव, (ब्यूरो): साईबर सिटी गुडग़ांव में साढ़े 4 करोड़ रुपये का प्लॉट ई-ऑक्शन के जरिए महज 6 सौ रुपये में खरीदे जाने का मामला सामने आया है। पांच सौ गज के प्लॉट के लिए छह बार में सौ-सौ रुपये की पेमेंट की और 4 करोड़ 40 लाख रुपए का रेजिडेंशियल प्लॉट खरीद लिया। यह ई-ऑक्शन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से कराया गया था। हॉलांकि ऑडिट के दौरान मामला पकड़े जाने पर एचएसवीपी अधिकारियों ने प्लॉट का अलॉटमेंट कैंसिल कर दिया।

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दरअसल, एचएसवीपी ने वर्ष 2021-22 में ई-ऑक्शन के जरिए गुरुग्राम में 500 वर्ग गज का प्लॉट बेचा। जिसमें गुरुग्राम के ही पालम विहार में रहने वाले एक व्यक्ति ने सेक्टर 23ए के प्लॉट नंबर 3760 के लिए ई-नीलामी में भाग लिया। इस प्लॉट की बोली 4 करोड़ 89 लाख रुपए तक गई। इसके बाद जिसे यह प्लाट अलॉट हुआ उसने एचएसवीपी में जुलाई से लेकर सितंबर महीने के बीच पेमेंट जमा किया। उसने यह पेमेंट 6 बार में ऑनलाइन किया। हर बार 100-100 रुपए जमा करवाए। इसके बाद पेमेंट का हिसाब रखने वाले प्लॉट एंड प्रॉपर्टी मैनेजमेंट सिस्टम (पीपीएम) ने दिखाया गया कि 4 करोड़ 40 लाख रुपए जमा हो गए हैं। ऑडिट के दौरान मामला पकड़े जाने पर एस्टेट ऑफिसर वन ने अलॉटमेंट लेटर, बिल्डिंग प्लान मंजूरी, रजिस्ट्री और डीपीसी सर्टिफिकेट को कैंसल करने के आदेश जारी किए हैं। एसडीओ सर्वे को आदेश दिए हैं कि वे इस प्लॉट को अपने कब्जे में लें। तहसीलदार से आग्रह किया है कि इस प्लॉट की एवज में हुई रजिस्ट्री को कैंसल किया जाए।

 

इस राशि के जमा होने के बाद एचएसवीपी ने पिछले साल 12 सितंबर को इस अलॉटी को प्लॉट का का पजेशन दे दिया। 10 अक्तूूबर को बिल्डिंग प्लान मंजूर हो गया। 13 अक्तूबर को रजिस्ट्री हो गई। 2 दिसंबर को डीसीपी सर्टिफिकेट जारी हो गया, जिसके बाद अलॉटी ने निर्माण शुरू कर दिया।

 

एचएसवीपी एस्टेट ऑफिसर-1 विकास ढांडा ने बताया कि आरोपी ने सिस्टम में गड़बड़ी की थी। जैसे ही हमें मुख्यालय से अलर्ट मिला तो हमने बैंक स्टेटमेंट निकलवाई, इससे पूरा मामला पकड़ में आ गया। रजिस्ट्री अलॉटमेंट कैंसिल कर दी गई है।

 

 

इससे पहले इस अलॉटी की पत्नी पर एचएसवीपी के साथ फर्जीवाड़ा कर पालम विहार और सेक्टर 23-23ए में रिहायशी और व्यावसायिक प्लॉट हासिल करने का आरोप है। इस अलॉटी की पत्नी के नाम 4 रिहायशी और व्यावसायिक प्लॉट की अलॉटमेंट को एचएसवीपी ने कैंसल कर दिया है। इस महिला के खिलाफ एचएसवीपी मुख्यालय ने पंचकूला स्थित ईओडब्ल्यू (इकोनॉमिक अफेंस विंग) में एफआईआर दर्ज करवा दी है।

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