चर्च निर्माण के विरोध में ग्रामीण, सरकार को दिया अल्टीमेटम

Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 26 Dec, 2025 08:23 PM

mahapanchayat held at teekli village for opposing church construction

गांव टीकली में चर्च निर्माण को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। ग्रामीणों व धार्मिक संस्थाओं द्वारा पंचायत का आयोजन कर चर्च निर्माण का विरोध किया और शासन व प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया।

गुड़गांव, (ब्यूरो): गांव टीकली में चर्च निर्माण को लेकर ग्रामीण लामबंद हो गए हैं। ग्रामीणों व धार्मिक संस्थाओं द्वारा पंचायत का आयोजन कर चर्च निर्माण का विरोध किया और शासन व प्रशासन को अल्टीमेटम दिया गया। ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि वह किसी भी कीमत पर चर्च का निर्माण नहीं होने देंगे। करीब डेढ़ माह पहले भी पंचायत की गई थी और इस पंचायत में चर्च का निर्माण करने वाले लोग भी आए थे जिन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया था कि वह ग्रामीणों के इस फैसले के खिलाफ नहीं जाएंगे, लेकिन करीब डेढ़ महीने तक मामला शांत रहने के बाद अब एक बार फिर चर्च निर्माण का कार्य तेजी से शुरू कर दिया गया है जिसे वह बर्दाश्त नहीं करेंगे। पंचायत में 52 सदस्यीय कमेटी गठित की गई और निर्णय लिया गया कि सोमवार को जिला उपायुक्त से मुलाकात कर चर्च निर्माण को रोकने का आग्रह किया जाएगा। ग्रामीणों ने खुले तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ग्रामीणों की इस मांग पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया गया तो वह सड़कों पर भी उतरने से पीछे नहीं हटेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।

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पंचायत में पहुंचे विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के नेताओं सहित ग्रामीणों ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में कोई भी क्रिस्चियन परिवार नहीं है तो यहां चर्च बनाने का कोई औचित्य नहीं है। कुलभूषण भारद्वाज, यशवंत, अजीत, प्रदीप सहित अन्य ग्रामीणों ने कहा कि पूरे टीकली ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों में कोई भी ईसाई परिवार नहीं है। ऐसे में यहां गलत तरीके से चर्च बनाई जा रही है। अगर किसी को कोई धार्मिक स्थल बनाना होता है तो उसके लिए नियम हैं। पहले भी चर्च बनाने के लिए जमीन मालिक ने विभाग से सीएलयू लिया था, लेकिन जब इस मामले की गंभीरता को देखा गया तो इस सीएलयू को रद्द कर दिया। अब एक बार फिर यहां प्रशासन की तरफ से गलत तरीके से सीएलयू दे दी गई है। 

 

ग्रामीणों की मानें तो किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण करने के लिए उस समुदाय की छह प्रतिशत आबादी होना अनिवार्य है। ऐसा न हो तो जब मास्टर प्लान बनता है तो उसमें पहले से ही धार्मिक स्थल की जानकारी देनी अनिवार्य होती है, लेकिन जिस चर्च का निर्माण किया जा रहा है वह दोनों ही नियमों के तहत नहीं आती। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इस चर्च की आड़ में यहां धर्म परिवर्तन कराए जाने का बड़ा खेल खेला जाना है। इसी षड़यंत्र के तहत ही यहां चर्च का निर्माण किया जा रहा है। 

 

फिलहाल ग्रामीणों ने साफ कर दिया है कि आसपास के गांवों से 52 सदस्यों की कमेटी गठित की गई है जो सोमवार को जिला उपायुक्त अजय कुमार से मिलेगी। कमेटी के सदस्य अपनी-अपनी ग्राम पंचायत द्वारा चर्च निर्माण का विरोध एवं आसपास के धार्मिक व सामाजिक संगठनों का विरोध पत्र जिला उपायुक्त को सौंपेंगे और इस चर्च निर्माण का कार्य तुरंत रुकवाने की मांग करेंगे। ग्रामीणों ने कहा कि जिला उपायुक्त से मुलाकात करने के बाद एक बार फिर महापंचायत होगी और जिला उपायुक्त के आश्वासन और कार्रवाई के आधार पर ही आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।

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