किसान आंदोलन : किसानों ने बिजली संशोधन बिल पर यू-टर्न पर जताई आपत्ति

Edited By Manisha rana, Updated: 08 Apr, 2021 11:08 AM

kisan agitation farmers objected to u turn on electricity amendment bill

कटाई का सीजन देख किसानों ने आंदोलन की रणनीति में बदलाव किया है। अब किसानों के मोर्चे पर कर्मचारी दस्तक देंगे। इनके कंधों पर मोर्चे जमाए रखने के अलावा किलेबंदी मजबूत करने का दारोमदार रहेगा...

सोनीपत : कटाई का सीजन देख किसानों ने आंदोलन की रणनीति में बदलाव किया है। अब किसानों के मोर्चे पर कर्मचारी दस्तक देंगे। इनके कंधों पर मोर्चे जमाए रखने के अलावा किलेबंदी मजबूत करने का दारोमदार रहेगा। इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा ने बिजली संशोधन बिल 2020 पर सरकार के फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। किसानों ने चेताया है कि केंद्र सरकार को फैसला महंगा पड़ेगा। इधर गाजीपुर बार्डर पर बलिया से 1100 किलोमीटर साइकिल यात्रा करके पहुंचे किसान का स्वागत किया गया।

गौरतलब है कि पंजाब समेत पूरे उत्तर भारत में गेहूं की कटाई का सीजन गति पकड़ चुका है। ऐसे में आंदोलन स्थल पर किसानों की संख्या पहले से काफी कम हो रही है। इसके चलते मोर्चे पर किसान की जगह अब कर्मचारी लेंगे। किसान संयुक्त मोर्चा ने कर्मचारियों के संगठनों से कहा है कि वे अपने सदस्यों की नियमित रूप से ड्यूटी तय करें ताकि दिल्ली के चारों ओर लगे मोर्चे किसी सूरत में भी कमजोर न पड़ें। इसके लिए अलग-अलग संगठन अलग-अलग दिन मोर्चे पर पहुंचेंगे और गतिविधियों को आगे बढ़ाएंगे।

इस बीच डैमोक्रेटिक मुलाजिम फैडरेशन व पंजाब सुबार्डिनेट सर्विस फैडरेशन के बैनर तले पंजाब के हजारों कर्मचारियों ने समर्थन देते हुए 11 अप्रैल को दिल्ली रवाना होने की तैयारी शुरू कर दी है। नेताओं ने कहा कि आंदोलन को किसी तरह कमजोर नहीं होने दिया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि वह बिजली संशोधन विधेयक-2020 को कानून में बदलने का विचार न करे। यह किसानों से किए गए वायदे का उल्लंघन होगा क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों ने किसान नेताओं को आश्वासन दिया था कि इस बिल को रद्द कर दिया जाएगा।

किसान नेता डा. दर्शनपाल, गुरनाम सिंह चढूनी और सतनाम सिंह आदि ने कहा कि केंद्र सरकार की चुपचाप बी.टी. कॉटन के बीज की कीमत में बढ़ौतरी करने की संगठन निंदा करते हैं। 37 रुपए प्रति पैकेट कीमतें बढ़ाकर किसानों पर एक और हमला किया है। किसानों ने कहा कि इससे केवल पंजाब के ही किसानों पर 14 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले साल यह पैकेट 730 रुपए में तय किया गया था और अब 767 रुपए में पैकेट की आपूर्ति शुरू की गई है।
किसान नेताओं ने कहा कि बीती रात तेज तूफान और हल्की बारिश ने किसानों को निराशा की स्थिति में छोड़ दिया है क्योंकि अपने बच्चों की तरह पाली हुई गेहूं की फसल पकने के लिए तैयार है और कुछ दिनों में कटाई शुरू हो जानी है। किसानों ने कहा कि तेज हवाओं के कारण फसल खेतों में बिखर गई हैं और तूफान ने किसानों की उम्मीदों को धराशायी कर दिया है। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन के समर्थन में उत्तर प्रदेश महिला आयोग की एक सदस्य ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इसी तरह अन्य नेता भी संवदेनशीलता दिखाएं।

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