Edited By Manisha rana, Updated: 07 May, 2024 11:13 AM
लगभग तीन दशक के बाद भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर करनाल में राज्य स्तरीय सफल ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन करवा राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा एक कुशल राजनीतिज्ञ व प्रदेश बड़ा ब्राह्मण चेहरा बनकर उभरे हैं।
चंडीगढ़ (धरणी) : लगभग तीन दशक के बाद भगवान परशुराम जयंती के अवसर पर करनाल में राज्य स्तरीय सफल ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन करवा राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा एक कुशल राजनीतिज्ञ व प्रदेश बड़ा ब्राह्मण चेहरा बनकर उभरे हैं। जिसमें प्रदेश के कोने-कोने से ब्राह्मण समाज के लोग और नेता भी मौजूद रहे, जिसमें मुख्य रूप से हरियाणा ब्राह्मण खाप, युवा ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष अशोक शर्मा ,एडवोकेट अशोक कौशिक, पूर्व विधायक जिले राम शर्मा और कार्तिक शर्मा के पिता व पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम के जरिए पिता- पुत्र विनोद शर्मा व राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा की जोड़ी ने जहां पूरे प्रदेश के ब्राह्मण समाज को एक मंच पर इकट्ठा करने का काम किया?
वहीं प्रदेश की राजनीति के जानकार इन दोनों के इस कदम को भाजपा को रिटर्न गिफ्ट के रूप में भी देख रहे हैं। क्योंकि बीते राज्यसभा चुनाव में कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय रूप से राज्यसभा का चुनाव लड़ा था, जिसमें भारतीय जनता पार्टी की मदद से उन्होंने जीत दर्ज कर देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में जगह बनाई है। ऐसे में करनाल में मौजूदा मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, जिस वजह से कार्तिकेय शर्मा के पास भाजपा को राज्यसभा भेजने के बदले उसका कर्ज उतारने का इससे इससे बढ़िया अवसर कोई और नहीं हो सकता था।
हालांकि ब्राह्मण समाज ही नहीं पूर्व मंत्री विनोद शर्मा के समर्थक प्रदेश भर के कोने-कोने में प्रत्येक समाज में हैं, जिसका भरपूर फायदा मौजूदा लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी को मिलना तय है। भाजपा के मौजूदा मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री दोनों ही चुनाव लड़ रहे हो। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी के पास भी मौजूदा समय में कोई भी बड़ा करिश्माई ब्राह्मण चेहरा मौजूदा दौर में नहीं है, क्योंकि पूर्व मंत्री रामविलास शर्मा अब उम्रदराज हो चुके हैं। यही नहीं पार्टी में अब उनका कद और पद पहले जैसा नजर नहीं आ रहा।
मूलचंद शर्मा मुख्यमंत्री नायब सैनी की कैबिनेट में दमदार मंत्री के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे हैं लेकिन उनका चेहरा प्रदेश स्तरीय ब्रह्म चेहरा नहीं माना जाता। इसलिए लिहाज से आने वाले समय ब्राह्मण समाज में अपने पिता विनोद शर्मा के बाद युवा कार्तिकेय शर्मा खुद को ब्राह्मण समाज का बड़ा नेता स्थापित करने में कामयाब रहे हैं। भले ही मौजूदा दौर में करनाल लोकसभा सीट पर पंजाबी बाहुल्य होने का टैग लग गया हो लेकिन इससे पूर्व यह है हरियाणा की ब्राह्मण लोकसभा सीट ही कहलाती थी। क्योंकि जहां माधो राम शर्मा, पंडित चिरंजी लाल शर्मा ,पूर्व केंद्रीय मंत्री आईडी स्वामी जैसे राष्ट्रीय ब्राह्मण चेहरे यहां से लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल के समय में यहां पर बड़ा ब्राह्मण सम्मेलन हुआ था जिसमें चंद्र मोहन और कुलदीप शर्मा के समर्थकों में झड़प भी हो गई थी।